लखनऊ । मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कृषि विकास और किसानों के कल्याण के लिए उठाये गये सरकार के कदमों के बारे में सदन को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डबल इंजन सरकार ने सात साल में 23 लाख हैक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की क्षमता उपलब्ध कराई है। उन्होंने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से 2 करोड़ 62 लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। कृषि विकास दर भी 2016-17 में जहां 6.6 प्रतिशत थी, वह बढ़कर आज वह 18.2% हो गई है, जो लगभग तीन गुना की बढ़ोतरी है।
अबतक 2,33,793 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का हुआ भुगतान
उन्होंने (CM Yogi) बताया कि चालू पेराई सत्र हमने में गन्ने का मूल्य बढ़ाया है। 350 रुपये प्रति कुन्तल से बढ़ाकर 370 रुपये प्रति कुन्तल किया है। गन्ने के हर प्रजाति की प्रजाति का मूल्य बढ़ाया है। 2016-17 में गन्ना क्षेत्रफल 20. 54 लाख हेक्टेयर था आज 2023-24 में बढ़कर 29.66 लाख हेक्टेयर हो गया है।
इसी प्रकार 2016-17 से पहले, जहां गन्ना उत्पादन 1486 लाख टन था, वह 2023-24 में 2492 लाख टन हो गया है। 1995 से 2017 तक के 22 वर्षों में हुए कुल 2,13,069 करोड़ का भुगतान हुआ था। जनवरी, 2024 तक हमारी सरकार आने के बाद अबतक 2,33,793 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों के खाते में जा चुका है। वर्तमान में 119 चीनी मिलें क्रियाशील हैं।
2017 से पहले किसानों को बिचौलियों के भरोसे पर छोड़ दिया गया था
मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने बताया कि 2017 से पहले किसानों को बिचौलियों के भरोसे पर छोड़ दिया गया था, लेकिन हमारी सरकार ने किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए प्रोक्योरमेंट बढ़ाया, एमएसपी पर किसानों से सीधे खरीद की। 2018 से सरकार लागत का डेढ़ गुना एमसपी दे रही है। गेहूं में 2017-18 से 2023-24 तक 47, 89, 493 किसानों से 224.68 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर लगभग 41,301 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जा चुका है।
सिर्फ सोचने से कुछ नहीं होता, कुछ हासिल करने के लिए मेहनत करनी पड़ती हैः सीएम योगी
इसी प्रकार धान में 2017-18 से 2023-24 तक 61,54,251 किसानों से 397.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर लगभग 74751.30 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जा चुका है। पीएम-कुसुम योजना के अन्तर्गत अबतक 50 हजार से अधिक किसानों के ट्यूबवेल को सोलराइज करने का कार्य किया गया है। सरकार ने नेचुरल फार्मिग और ऑर्गेनिक फॉर्मिग को बढ़ावा देने, नई सिंचाई सुविधाओं को विकसित करने का कार्य हुआ है।