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अलोकतांत्रिक तरीके से पास किए गए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए: विपक्ष

कृषि कानूनों को रद्द किया जाए Agricultural laws should be repealed

कृषि कानूनों को रद्द किया जाए

नई दिल्ली। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों पर अपनी चिंताओं से अवगत कराने और इसे वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।

राष्ट्रपति से मिलने के लिए पहुंचे राहुल गांधी ने भी कहा कि हमने राष्ट्रपति से कहा है कि इन किसान विरोधी कानूनों को वापस लिया जाए।

 

सीपीआई-एम के नेता सीताराम येचुरी ने बताया कि हमनें राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है। हमने उनसे अपील की है कि कृषि कानूनों और बिजली संशोधन विधेयक जिन्हें गैर लोकतांत्रिक तरीके से पास किया गया था उन्हें वापस लिया जाए।

शरद पवार ने कहा कि कृषि बिलों पर गहन चर्चा के लिए सभी विपक्षी दलों से एक अनुरोध किया गया था। कहा कि इसे चुनिंदा समिति को भेजा जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से, कोई सुझाव स्वीकार नहीं किया गया और बिलों को जल्दबाजी में पारित किया गया। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि इस ठंड में किसान अपनी विरोध जताते हुए शांतिपूर्ण तरीके से सड़कों पर उतर रहे हैं। इस मुद्दे को हल करना सरकार का कर्तव्य है।

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राष्ट्रपति से मुलाकात करने के पहले सीताराम येचुरी ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को 25 से अधिक विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया है। ये कानून भारत के हक में नहीं हैं और यह हमारी खाद्य सुरक्षा के लिए भी खतरा है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, द्रमुक के एक प्रतिनिधि, भाकपा के महासचिव डी राजा और माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी शामिल थे।

जानें क्या है मामला?

कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर सरकार ने सितंबर में तीनों कृषि कानूनों को लागू किया था। सरकार ने कहा था कि इन कानूनों के बाद बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को देश में कहीं पर भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति होगी। वहीं, किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि ये कानून उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं और इनसे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी।

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