नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुके किसानों से संबंधित तीनों बिल पास हो चुके हैं। इसके बाद भी विपक्ष का विरोध जारी है। राज्यसभा से बचे हुए सत्र तक के लिए निलंबित किए गए आठ सांसदों का समर्थन और बिलों को वापस लेने की मांग करते हुए विपक्ष ने मंगलवार को लोकसभा का बहिष्कार किया।
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बता दें कि इससे पहले विपक्ष ने राज्यसभा का भी बहिष्कार किया था। इस बीच, कृषि बिलों पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि ये लोग किसान नहीं हैं, बल्कि कांग्रेस से जुड़े हुए हैं।
Congress ke daant khane ke aur hain, dikhane ke aur. They say one thing in the House and another outside. Those protesting aren't farmers, they are related to Congress, nation knows it. The reforms will help farmers & boost their income: NS Tomar, Agriculture Minister #FarmBills pic.twitter.com/tEHqPwlkvF
— ANI (@ANI) September 22, 2020
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि कांग्रेस के दांत खाने के और हैं, दिखाने के और हैं। वह सदन में कोई बात कहते हैं और बाहर जाकर कुछ और बोलते हैं। जो प्रदर्शन कर रहे हैं, वे किसान नहीं हैं, वे कांग्रेस से संबंधित हैं। यह देश को मालूम है। यह सुधार किसानों को फायदा पहुंचाएगा और उनकी आय में बढ़ोतरी करेगा।
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किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस और अन्य कुछ विपक्षी दलों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही सदन को एक घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्यसभा और लोक सभा भाइयों की तरह हैं। यदि कोई दुःख में होता है, तो दूसरे को संभलना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि हमारा मुद्दा कृषि बिलों से संबंधित है, हम चाहते हैं कि इसे वापस लिया जाए। अगर तोमर जी इसे वापस लेने के लिए सहमत होते हैं, तो हमें सत्र जारी रखने में कोई समस्या नहीं है। इसके बाद, उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे पर हमारी पार्टी (कांग्रेस) और सभी विपक्षी दल लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करते हैं।
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बता दें कि विपक्षी दलों ने रविवार को राज्यसभा में हुए हंगामे के चलते सोमवार को आठ विपक्षी सदस्यों को निलंबित किए जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। इस कदम के विरोध में वे संसद भवन परिसर में ‘अनिश्चितकालीन’ धरने पर बैठ गए थे। हालांकि, बाद में मंगलवार सुबह उन्होंने धरना खत्म कर दिया।