Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

AIIMS को कोवैक्सीन ट्रायल के लिए है स्वस्थ वॉलंटियर्स की जरूरत

कोवैक्सीन ट्रायल

कोवैक्सीन ट्रायल

 

नई दिल्ली। दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में सोमवार से कोविड-19 के इलाज के लिए तैयार कोवैक्सीन के मानव ट्रायल के लिए स्वस्थ लोगों का नामांकन किया जाएगा।

शनिवार को एम्स की एथिक्स कमेटी की तरफ से कोवैक्सीन के मानव ट्रायल के इजाजत की मंजूरी के बाद ऐसा किया जा रहा है। कोवैक्सीन के मानव पर पहले और दूसरे चरण के ट्रायल के लिए इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिचर्स (आईसीएमआर) की तरफ से दिल्ली के एम्स समेत 12 इंस्टीट्यूट्स का चुनाव किया गया है। इस वैक्सीन का ट्रायल कुल 375 लोगों पर किया जाएगा, जिनमें 100 से ज्यादा वालंटियर्स पर ट्रायल एम्स में होगा।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, “एम्स के प्रोफेसर डॉक्टर संजय राय ने कहा कि सोमवार से हम नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। हम स्वस्थ प्रतिभागी का चयन करने जा रहे हैं जिसे पीछे कभी कोरोना न हुआ हो।

एड़ियों के दर्द को ना करें अनदेखा, इस तरह रहें सावधान

उन्होंने कहा कि कोई भी भी स्वस्थ व्यक्ति जो ट्रायल के प्रतिभागी बनना चाहते हों, वे एक ई-मेल Ctaiims.covid19@gmail.com या फिर एक एसएमएस या फिर कॉल 7428847499 नंबर पर कर सकते हैं। उन्होंने बताया, जिन लोगों पर मानव ट्रायल किया जाएगा उनकी आयु 18 से 55 के बीच होनी चाहिए।

डॉक्टर संजय ने कहा कि जो वॉलेंटियर ट्रायल में शामिल होंगे उनमें देखा जाएगा कि वे कोरोना संक्रमण से ग्रस्त न हो। उनकी किडनी,ब्लड ,शुगर और अन्य सभी जांच की जाएगी। जांच होने के बाद उन्हें परीक्षण के लिए पंजीकृत किया जाएगा। इन लोगों की नियमित निगरानी की जाएगी। डॉक्टर संजय ने कहा कि जितने लोग इसमें भाग लेंगे, उतना जल्दी ट्रायल पूरा हो सकेगा।

आइसीएमआर ने तीन जुलाई को एक पत्र लिखकर दिल्ली के एम्स सहित अन्य 12 संस्थानों में वैक्सीन का परीक्षण शुरू करने का निर्देश दिया था। कुछ संस्थानों ने ट्रायल शुरू कर दिया, लेकिन एम्स में यह मामला एथिक्स कमेटी में फंस गया था। किसी भी वैक्सीन के परीक्षण के लिए संस्थान की एथिक्स समिति से अनुमित लेनी होती है।

कुछ कागजों में दिक्कत होने के चलते पहले समिति ने इसकी मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद समिति की बैठक में प्रोटोकॉल में कुछ बदलाव को लेकर चर्चा की गई। अब उस बदलाव को पूरा कर लिया गया है, जिसके बाद मंजूरी मिल गई है। इससे पहले पटना एम्स और हरियाणा के रोहतक पीजीआईएमएस में भी इस वैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू हो चुका है।

Exit mobile version