अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश (Ahmedabad Plane Crash) के बाद मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके परिजनों तक सम्मानजनक तरीके से पहुंचाने के लिए वडोदरा के स्थानीय ईसाई समुदाय के वॉलंटियर्स दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। ये वॉलंटियर्स लकड़ी के 120 ताबूत (Coffin) बना रहे हैं, ताकि शवों को सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए भेजा जा सके। इस मानवीय प्रयास का नेतृत्व ताबूत निर्माता पिता-पुत्र अर्देश और मेल्विन रजवाड़ी कर रहे हैं। शनिवार शाम तक वे 25 ताबूत तैयार कर चुके हैं और रात तक 50 ताबूतों (Coffin) को तैयार कर एअर इंडिया को सौंपने की योजना है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अर्देश रजवाड़ी ने बताया कि Air India ने हमें 120 ताबूत (Coffin) बनाने का ऑर्डर दिया है, ताकि अहमदाबाद सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखे विमान हादसे के पीड़ितों के पार्थिव शरीर उनके परिवारों तक भेजे जा सकें। हमने शुक्रवार रात 9 बजे काम शुरू किया और शनिवार दोपहर तक 25 ताबूत पूरे कर लिए। इस नेक काम में 5 से 6 ईसाई स्वयंसेवक भी रजवाड़ी परिवार की मदद कर रहे हैं।
अल्ड्रिन थॉमस इन स्वयंसेवकों में से एक हैं, उन्होंने बताया कि ताबूत (Coffin) बनाना ऐसा काम है जिसमें समय लगता है। एक ताबूत को तैयार करने में लगभग 2 घंटे लगते हैं। उन्होंने कहा कि ये ताबूत प्लाईवुड से बनाए जा रहे हैं, जिसमें सटीक नाप का विशेष ध्यान रखना होता है। सभी हिस्सों को सावधानी से जोड़कर आयताकार ताबूत बनाया जाता है और फिर उसे सफेद कपड़े से ढंका जाता है। हर ताबूत की चौड़ाई दो फीट और लंबाई छह फीट है, ताकि अधिकांश शव आसानी से उसमें रखे जा सकें।
ये हादसा Air India की फ्लाइट AI-171 के साथ हुआ, जो अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही थी। उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद यह विमान BJ मेडिकल कॉलेज के छात्रावास और कैंटीन की इमारत से टकरा गया। विमान में कुल 242 लोग सवार थे- इसमें 230 यात्री, 2 पायलट और 10 क्रू मेंबर शामिल थे। प्लेन क्रैश में एकमात्र जीवित बचने वाला यात्री भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक है, जो अब भी अस्पताल में भर्ती है। जबकि विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो गई। अहमदाबाद प्लेन क्रैश में अब तक 270 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। डॉक्टरों के अनुसार हादसे में ज़मीन पर घायल हुए कुछ लोगों की मौत इलाज के दौरान हो गई, जिससे यह संख्या बढ़ी है।