नई दिल्ली। सरकार ने नागर विमानन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) संबंधी संशोधित नियमों को अधिसूचित कर दिया है। इससे प्रवासी भारतीय नागरिकों को एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदसरी हासिल करने की अनुमति होगी। एयर इंडिया में रणनीतिक विनिवेश की जारी प्रक्रिया के बीच राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित किया गया है। पिछले महीने, सरकार ने तीसरी बार एयर इंडिया के लिए बोली जमा करने कारण वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों का प्रभावित होना है। समयसीमा 31 अगस्त तक के लिए बढ़ाई गई है। एयर इंडिया के लिए विनिवेश प्रक्रिया 27 जनवरी को शुरू की गई थी।
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आधिकारिक अधिसूचना 27 जुलाई को जारी की गई। इसके तहत इन नियमों को विदेशी विनिमय प्रबंधन (गैर-बांड उत्पाद) (तीसरा संशोधन) नियम, 2020 का जाएगा। इसमें कहा गया है कि मेसर्स एयर इंडिया लि. में प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को छोड़कर विदेशी एयरलाइन समेत विदेशी निवेश प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 49 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। प्रवासी भारतीय जो भारतीय नागरिक हैं, के मामले में स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति होगी।
नए नियम के अनुसार एयर इंडिया लि. में मालिकाना हक और प्रभावी नियंत्रण भारतीय नागरिक के पास बना रहेगा। हालांकि एनआरआई के लिए अनुसूचित हवाई परिवहन सेवा/घरेलू अनुसूचित यात्री एयरलाइन में स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। सरकार हेलीकॉटर सेवा/समुद्री प्लेस सेवा में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देती है। लेकिन इसमें नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की मंजूरी जरूरी है। विदेशी एयरलाइन को अनुसूचित और गैर-अनुसूचित हवाई परिवहन सेवाओं का परिचालन करने वाली भारतीय कंपनियों में उनकी चुकता शेयर पूंजी का 49 प्रतिशत तक निवेश की अनुमति है।
यह कुछ शर्तों पर निर्भर है। शर्तों में यह शामिल है कि पूंजी निवेश सरकारी मंजूरी मार्ग से होगा और 49 प्रतिशत सीमा में एफडीआई और एफआई/एफपीआई (विदेशी संस्थागत/पोर्टफोलियो निवेशक) समाहित होगा। इससे पहले, मार्च में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनआरआई के मामले में जो भारतीय नागरिक हैं , एयर इंडिया के संदर्भ में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि सरकार कोरोना प्रभावित अर्थव्यवस्था में नकदी की समस्या के समाधान को लेकर ढांचागत क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के लिए प्रयास कर रही है। सड़क, परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री ने यह भी कहा कि विभिन्न पेंशन कोष, बीमा कोष और वित्तीय संस्थानों के साथ बातचीत जारी है। देश में सड़क विकास पर आयोजित वेबिनार में गडकरी ने कहा कि ढांचागत क्षेत्र आर्थिक रूप से सर्वाधिक व्यवहारिक उद्योग है। परियोजना पर आंतरिक प्रतिफल की दर बहुत अच्छी है।
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हम ढांचागत क्षेत्र में एफडीआई हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि इसमें 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है। हम बीमा कोष, पेंशन कोष आदि को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। हम विश्वबैंक, एशियाई विकास बैंक के साथ भी बातचीत कर रहे हैं, हम इस दिशा में तेजी से कदम उठा रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री ने निजी कंपनियों से सरकार के साथ हाथ मिलाने का आग्रह करते हुए कहा कि कोरोना प्रभावित अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है और नकदी की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हमें संकट को अवसर में बदलना चाहिए, क्योंकि दुनिया अब यह मान रही है कि भारत निवेश के लिहाज से बेहतर है। सरकार ने परियोजनाओं के मामले में नीतिगत फैसला किया है। इसके तहत परियोजना की पेशकश तभी की जाएगी जब 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण और वन तथा पर्यावरण जैसे नियामकीय मंजूरी मिल गई हो। उन्होंने लॉजिस्टक लागत में भी कमी लाने पर जोर दिया।