बरेली । यूपी की प्रदेश सरकार विभिन्न शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ने की प्रतिबद्धता का इजहार किया है। सूबे के नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी ने बुधवार को कहा कि क्षेत्रीय उड़ान योजना के तहत तैयार बरेली हवाई अड्डे से अगले साल जनवरी तक उड़ानें शुरू हो जाने की संभावना है।
श्री नंदी ने कहा कि पिछले साल आर्थिक तंगी से बंद हुई जेट एयरवेज एयरलाइंस को परिचालन करने के लिए मौका दिया जाएगा। क्योंकि इस कंपनी ने क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत हवाई सेवाएं शुरू करने के लिए लाइसेंस लिए थे। इस कंपनी में पुनर्निवेश हो रहा है। इसलिए माना जा रहा है कि कंपनी हवाई सेवा क्षेत्र में जल्द काम शुरू कर देगी। आरसीएस योजना में तैयार बरेली हवाई अड्डा से जनवरी तक उड़ाने शुरू हो जाएगी।
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इस हवाई अड्डे से जेट एयरवेज पहले से ही उड़ान के लिए लाइसेंस ले चुकी है, टर्बो और एलाइंस एयरलाइंस भी लाइन में है, इंडिगो भी संपर्क में है। मेरठ में प्रस्तावित हवाई अड्डे से 20 सीटर विमान उड़ान भरेंगे। इसके लिए जमीन अधिग्रहण अधिग्रहण हो रहा है। मुरादाबाद में भी काम चल रहा है, जेवर नोएडा स्थित इंटरनेशनल हवाई अड्डा पर जल्द काम शुरू हो होगा।
श्री नंदी ने कहा कि केन्द्र सरकार की उड़ान योजना में आम आदमी को भी हवाई यात्रा का आनंद मिलेगा, क्योंकि यह बेहद सस्ती सेवाएं हैं, 25 सौ रुपए तक का ही किराया रखा गया है। उन्होंने बताया कि बरेली, अयोध्या, गोरखपुर, बनारस, कानपुर, प्रयागराज में तैयार सिविल एंक्लेव हवाई अड्डों के नामकरण भी किए जाने हैं, इनके प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र को सौंप दिए हैं। नए हवाई अड्डे के नाम भारतीय संस्कृति और वहां की भौगोलिक स्थिति के हिसाब से प्रस्तावित है।
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उन्होने बताया कि एलायंस एयरलाइंस ने बरेली दिल्ली उड़ान शुरू करने के लिए सहमति और प्रस्ताव दे दिया है। इसलिए जल्द हवाई सेवा शुरू कराने का पूरा प्रयास हो रहा है। इंडिगो कंपनी ने भी बरेली समेत स्थानों पर सेवाएं शुरू करने में रुचि लेना शुरू कर दिया है। उधर, पिछले साल से बंद जेट एयरवेज भी अस्तित्व में आने की खबरें हैं, जिससे उम्मीदें और बढ़ गई हैं। बरेली से 72 सीटर एयरक्रॉफ्ट संचलित होगा।