जम्मू एयरपोर्ट के पास एयरफोर्स स्टेशन के अंदर दो धमाकों से खलबली मच गई। पांच मिनट के अंदर दो धमाके हुए। जम्मू-कश्मीर के डिजीपी दिलबाग सिंह ने मीडिया से बातचीत में ड्रोन हमले की पुष्टि कर दी है। उनका कहना है कि इसकी साजिश सीमापार से रची गई, लेकिन इसे अंजाम यहीं दिया गया। इससे पहले वायु सेनाकर्मियों ने भी ड्रोन से विस्फोटक को गिरते देखा था।
इस मामले में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। दोनों को जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन के पास से ही पकड़ा गया। दोनों से पूछताछ हो रही है। इसी बीच जम्मू एयरफोर्स स्टेशन में जांच जारी है, एनआईए और एनएसजी की टीम यहां पहुंची है। वेस्टर्न एयर कमांड से एयर मार्शल विक्रम सिंह भी घटनास्थल पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
जम्मू एयरपोर्ट स्थित एयरफोर्स स्टेशन के अंदर देर रात हुए दो धमाकों के बाद पंजाब के पठानकोट इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि सेना की मौजूदगी वाली जगहों पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। संवेदनशील इलाकों में पेट्रोलिंग रुकी हुई है। सूत्रों के मुताबिक जम्मू एयरपोर्ट ब्लास्ट मामले में ड्रोन के अवशेष नहीं मिले हैं। कुछ न्यूज रिपोर्ट में कहा गया था कि ड्रोन ही आईइडी था। हालांकि इसे तथ्य को गलत बताया गया है। कई जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं। सूत्रों का कहना है कि ड्रोन के जरिए विस्फोटक गिराया गया और फिर ड्रोन वापस चला गया।
देर रात हुए थे दो धमाके
जम्मू एयरपोर्ट स्थित एयरफोर्स स्टेशन के अंदर देर रात दो धमाके हुए। पहला धमाका रात 1 बजकर 37 मिनट पर हुआ और दूसरा धमाका ठीक 5 मिनट बाद 1 बजकर 42 मिनट पर हुआ। हालांकि, इन धमाकों में कोई नुकसान नहीं हुआ है। वायुसेना ने ट्वीट कर बताया कि पहला धमाका बिल्डिंग की छत पर और दूसरा धमाका जमीन पर हुआ। धमाके से सिर्फ बिल्डिंग की छत डैमेज हुई है।
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धमाकों में अब आतंकी हमले का एंगल भी सामने आ रहा है। जांच के लिए एनआईए और एनएसजी की टीम एयरफोर्स स्टेशन पहुंच चुकी है। सीआरपीएफ के डीआईजी भी मौके पर पहुंच गए हैं। इनके अलावा स्पेशल फोर्स की टीम भी यहां पहुंच गई है।
सूत्रों के मुताबिक, अब तक हुई जांच में ड्रोन से IED गिराने का शक जताया जा रहा है। माना जा रहा है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए IED गिराए गए। ड्रोन हमले के अंदेशे के चलते अम्बाला, पठानकोट और अवंतिपुरा एयरबेस को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
डीजीपी ने की ड्रोन हमले की पुष्टि
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने मीडिया से बातचीत में ड्रोन के इस्तेमाल की पुष्टि की है। उन्होंने बताया, “ड्रोन को ही IED के तौर पे इस्तेमाल किया गया, क्योंकि मौका-ए-वारदात से ड्रोन के परखच्चे हुए पार्ट मिले हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ड्रोन को बतौर बम इस्तेमाल किया गया.” उन्होंने ये भी कहा कि इस हमले की साजिश सीमापार रची गई लेकिन धमाके को एग्जीक्यूट करने वाले सीमा के अंदर ही मौजूद हैं।
उन्होंने ये भी बताया कि निशाने पर एयरफोर्स के जवान ही थे। उन्होंने कहा, “सिविलियन नहीं एयरफोर्स के जवान निशाने पर थे। सिंगल स्टोरी बिल्डिंग के पास जहां धमाका हुआ वहां एयरफोर्स के जवानों का रेस्ट रूम है और ब्लास्ट की टाइमिंग भी ऐसी है कि उस वक्त सभी उड़ानें बंद हो जाती हैं।”
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इससे पहले सूत्रों ने भी इस ड्रोन हमले को जम्मू से ही अंजाम दिए जाने की बात कही थी। ऐसा इसलिए क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय सीमा स्टेशन से 25 से 30 किलोमीटर दूर है और हवाई दूरी 10 से 15 किलोमीटर है। ऐसे में इस बात का शक ज्यादा गहरा रहा है कि हमला जम्मू में ही कहीं से किया गया हो।
दो संदिग्ध हिरासत में
धमाके पर जम्मू पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कर ली है। ये एफआईआर यूएपीए की धारा 16, 18 और एक्स्प्लोसिव एक्ट के तहत दर्ज हुई है। ये एफआईआर सतवारी थाने में दर्ज की गई है। इस मामले की जांच अब आतंकी हमले की तरह की जाएगी। इस मामले में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। ये दोनों ही संदिग्ध सतवारी इलाके के पास से पकड़े गए हैं। दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
निशाने पर थे एयरक्राफ्ट
इन धमाकों को अंजाम देने के लिए दो ड्रोन का इस्तेमाल करने की बात सामने आ रही है। इस बात की आशंका और भी गहरी इसलिए हो जाती है क्योंकि असलहा-बारूद गिराने वाले ड्रोन को रडार में पकड़ने में दिक्कत भी आती है। पहले भी कई बार ऐसे ड्रोन रडार की पकड़ में आने से बच चुके हैं।