हर साल कुल 24 एकादशी व्रत आते हैं। हर महीने दो एकादशी आती हैं। हर एकादशी का अलग-अलग महत्व शास्त्रों में वर्णित है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का भी विशेष महत्व है। भादो मास की इस एकादशी को अजा एकादशी (Aja Ekadashi ) कहते हैं। मान्यता है कि इस एकादशी को करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।
एकादशी तिथि कब से कब तक
एकादशी तिथि 29 अगस्त को सुबह 01 बजकर 19 मिनट से 30 अगस्त को सुबह 01 बजकर 37 मिनट तक रहेगी। अजा एकादशी व्रत 29 अगस्त 2024 को है।
अजा एकादशी v व्रत पारण का समय-
अजा एकादशी (Aja Ekadashi ) व्रत का पारण 30 अगस्त 2024 को किया जाएगा। व्रत पारण का समय सुबह 07 बजकर 49 मिनट से सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय सुबह 07 बजकर 49 मिनट है।
एकादशी व्रत समाप्त करने को व्रत पारण कहा जाता है। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत पारण किया जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना जरूरी होता है। अगर द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गई तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही समाप्त होता है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के भीतर न करना पाप समान होता है।
हरिवासर के दौरान एकादशी व्रत का खोलें-
एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान नहीं करना चाहिए। जो भक्त एकादशी व्रत करते हैं उन्हें व्रत खोलने के लिए पहले हरि वासर के समाप्त होने का इंतजार करना चाहिए। हरि वासर द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई की अवधि है। व्रत पारण के लिए समय सबसे उत्तम समय सुबह का होता है।
एकादशी तिथि के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:27 ए एम से 05:12 ए एम
प्रातः सन्ध्या – 04:50 ए एम से 05:57 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:55 ए एम से 12:46 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:29 पी एम से 03:20 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 06:45 पी एम से 07:07 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 06:45 पी एम से 07:52 पी एम
अमृत काल- 06:20 ए एम से 07:59 ए एम
निशिता मुहूर्त- 11:59 पी एम से 12:43 ए एम, अगस्त 30
सर्वार्थ सिद्धि योग- 04:39 पी एम से 05:57 ए एम, अगस्त 30