यूपी की राजधानी लखनऊ के चर्चित अजीत सिंह हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस को इस केस में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की संलिप्तता के क्लू मिल गए हैं। अजीत सिंह की हत्या के दौरान शूटआउट में घायल शूटर राजेश का उपचार कराने वाले शिवेंद्र उर्फ अंकुर ने कई राज उगल दिए हैं। पुलिस ने शिवेंद्र को 20 घंटे की रिमांड पर लिया था। रिमांड के दौरान पूछताछ में शिवेंद्र ने यह माना है कि अजीत सिंह की हत्या में पूर्व सांसद धनंजय सिंह का रोल है।
जानकारी के मुताबिक शिवेंद्र ने इस हत्याकांड में घायल शूटर का इलाज कराने से लेकर वारदात के बाद सभी से असलहे लेकर सुरक्षित छिपाने तक, 20 घंटे की रिमांड के दौरान पुलिस के सामने कई राज उगल दिए हैं। अंकुर ने इस हत्याकांड में धनंजय सिंह की संलिप्तता को लेकर पुलिस के पास मौजूद तमाम जानकारियां भी पुष्ट की हैं। उसने यह बताया है कि शूटआउट में घायल शूटर राजेश उर्फ जय को गोली लगने के बाद उसका इलाज पहले गोमती नगर के डॉक्टर और फिर सुल्तानपुर के डॉक्टर से कराया गया। अंकुर से हुई पूछताछ के बाद अब बारी मऊ जेल में बंद एक चर्चित ब्लाक प्रमुख के भाई की है जो वारदात के बाद कथित रूप से शूटरों के असलहे लेकर चला गया था।
सूत्रों की माने तो अंकुर ने रिमांड में कुबूला कि 6 जनवरी 2021 की शाम लखनऊ के विभूतिखंड में हुए अजीत सिंह शूटआउट को अंजाम देने वाले शूटरों के असलहे मऊ के चर्चित ब्लाक प्रमुख के भाई ने छिपाए थे। इस पूरे हत्याकांड के साजिशकर्ता और मददगार शिवेंद्र उर्फ अंकुर को 20 घंटे की रिमांड के बाद गुरुवार की शाम 5 बजे लखनऊ जेल में दाखिल कर दिया गया।
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रिमांड के दौरान शिवेंद्र उर्फ अंकुर ने कुबूल किया कि अजीत सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने के बाद सभी शूटरों को दिए गए असलहे संदीप उर्फ बाबा ने इकट्ठा किए। संदीप ने सारे असलहे गिरधारी को दिए, और गिरधारी ने इन्हें अंकुर को दिए। गिरधारी से असलहे लेने के बाद अंकुर उर्फ शिवेंद्र ने आजमगढ़ जेल में बंद ब्लाक प्रमुख संजय यादव के भाई ओमकार यादव को दिए थे। जो अपनी स्कॉर्पियो में छुपाकर असलहों को लेकर वापस आजमगढ़ चला गया था।
वारदात के बाद वाले पूरे घटनाक्रम को समझने के लिए पुलिस टीम शिवेंद्र उर्फ अंकुर को फैजाबाद रोड के उस बस स्टेशन पर भी ले गई जहां पर लाल रंग की कार से शिवेंद्र शूटरों का इंतजार कर रहा था और शूटर अपनी बाइक छोड़कर शिवेंद्र की कार से जाते सीसीटीवी में भी कैद हुए थे। इसके साथ ही गोमती नगर विस्तार के अलकनंदा अपार्टमेंट तक भी अंकुर उर्फ शिवेंद्र को ले जाया गया जहां घायल जय को प्राथमिक उपचार मिला था।
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इस पूरी रिमांड के दौरान शिवेंद्र उर्फ अंकुर से एडिशनल डीसीपी नॉर्थ और उनकी टीम ने पूछताछ की। 20 घंटे के रिमांड की अवधि में पुलिस कमिश्नर ने भी शिवेंद्र से कुछ सवाल पूछे। सूत्रों की मानें तो शिवेंद्र उर्फ अंकुर ने पुलिस कमिश्नर के सामने स्वीकार किया कि पूरी साजिश में पूर्व सांसद का हाथ है लेकिन वह उनके सीधे संपर्क में नहीं था। उसने जो कुछ किया, अखंड सिंह के कहने पर किया। बीते 8 महीने से शिवेंद्र उर्फ अंकुर लखनऊ में रह रहा था और उसका खर्च अखंड उठा रहा था।
शूटआउट के बाद घायल राजेश तोमर उर्फ जय को जिस प्रदीप कबूतरा के फ्लैट पर ले जाया गया, शिवेंद्र उर्फ अंकुर उसी प्रदीप कबूतरा का साला है। प्रदीप कबूतरा गोमती नगर विस्तार के अलकनंदा अपार्टमेंट में रह रहा था जो धनजंय सिंह का बताया गया है।
फिलहाल अंकुर से हुई रिमाइंड में पूछताछ के बाद लखनऊ पुलिस कमिश्नर का कहना है कि पूछताछ में कुछ अहम कड़ियां जुड़ी हैं, जरूरत पड़ी तो आजमगढ़ जेल में बंद उस ब्लाक प्रमुख से भी पूछताछ होगी जिसका भाई असलहों को अंकुर से लेकर वापस गया था।