राजस्थान। अजमेर बम ब्लास्ट (1993) (Ajmer Bomb Blast) के मुख्य आरोपी करीम टुंडा (Karim Tunda) को टाडा कोर्ट ने बरी कर दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने दो अन्य आरोपियों इमरान और हनीमुद्दीन को दोषी करार दिया। इस पूरे मामले में 31 साल बाद फैसला आया है। 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों (Ajmer Bomb Blast) से राजस्थान का अजमेर दहल उठा था। अब्दुल करीम को साल 2013 में नेपाल बॉर्डर से पकड़ा गया था।
जब वह गैर कानूनी तरीके से पाकिस्तान से भारत आया था। तब से अब्दुल करीम टुंडा (Karim Tunda) अजमेर सेंट्रल जेल में बंद था। वहीं, हनीमुद्दीन को 2010 में गिरफ्ता किया गया था।
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यह मामला 2014 से टाडा कोर्ट में विचाराधीन था। इस मामले में अंसारी समेत 17 लोगों को गिरफ्तार किया था। बता दें कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर कई ट्रेनों में सिलसिलेवार बम धमाका हुआ था।