लखनऊ। राजस्थान के उदयपुर में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर0के0 सिंह के नेतृत्व में दो दिवसीय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन का आयोजन 14-15 अक्टूबर, 2022 को हुआ। इस सम्मेलन में ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए देश की ऊर्जा योजनाओं एवं परियोजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। साथ ही वर्तमान विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, आधारभूत संरचना को व्यवस्थित बनाने तथा वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर भी मंथन हुआ। इस आयोजन में देश के कई राज्यों के ऊर्जा मंत्री एवं भारत सरकार के ऊर्जा मंत्री, ऊर्जा सचिव एवं राज्यों तथा भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए0के0 शर्मा (AK Sharma) भी इसमें सम्मिलित हुए।
ए0के0 शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली की माँग ऐतिहासिक रूप से बढ़ी है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार इस गर्मी में बढ़ी हुई माँग को भारत सरकार की सहायता से कोयला ज्यादा खपत करके पूरा किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि नवीन ऊर्जा के लिए बायो फ्यूल नीति बनाई गयी है। नई सोलर पॉलिसी भी बनायी गयी है। प्रदेश की बढ़ती हुई ऊर्जा जरूरतों को सभी प्रकार के संसाधनों से पूरा करना है। उन्होंने बताया कि योगी सरकार में प्रदेश के 1.21 लाख से अधिक गाँवों-मज़रों और 1.47 करोड़ से अधिक घरों का विद्युतीकरण पिछले पाँच साल के कार्यकाल में हुआ।
ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने आगे यह भी आग्रह किया कि अभी भी बहुत से मजरे बचे हैं। उनके विद्युतीकरण के लिए भारत सरकार को मदद करनी चाहिए। उनके इस आग्रह को भारत सरकार के ऊर्जा मंत्री एवं टीम ने सहर्ष स्वीकार किया। ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि बड़े शहरों और पर्यटन स्थलों पर बिजली के तार और केबल अंडरग्राउंड करना यह समय की माँग है। इस कार्य में भी भारत सरकार मदद करे। इस प्रस्ताव को भी भारत के ऊर्जा मंत्री ने स्वीकार किया।
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ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने यह भी सुझाव दिया की हवाई अड्डों की तर्ज़ पर भारत के चुनिंदा केंद्रीय सुरक्षा बलों को बिजली संयंत्रों की सुरक्षा में लगाया जाय, जिससे सुरक्षा सम्बन्धी किसी भी प्रकार के खतरे को टाला जा सके और जरूरत पड़ने पर बिजली चोरी रोकने में भी इनका उपयोग किया जा सके। भारत के ऊर्जा मंत्री इस सुझाव को भी स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि बिजली बिल की वसूली के लिए किस प्रकार उ0प्र0 में महिला स्वयं सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप) की मदद ली जा रही है। इसे सभी प्रतिभागियों ने सराहा।
ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने अन्य कई सुझाव दिए जिसमें थर्मल प्लांट की स्थापना कोयले की खदानों पर की जाए। इससे कोयला ढोकर अन्य राज्यों में भेजने की बजाय बिजली भेजी जा सकती है। नेशनल ग्रिड बनने के बाद यह अब सम्भव है। इससे क़ीमत भी घटेगी और पर्यावरण का फायदा होगा और रेल की समस्या भी नहीं रहेगी। भारत के ऊर्जा मंत्री ने इस पर अमल करने को कहा। हरित ऊर्जा के लिए ग्रिड में चार्ज नही लेने की दूरगामी व्यवस्था, पीपीए के लिए राष्ट्रीय मार्गदर्शिका और अन्य कई सुझाव उपभोक्ताओं के हित में ऊर्जा मंत्री ने दिए। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार उ0प्र0 केंद्रीय संस्थानों के महंगे लोन को बैंक के लोन में अदल-बदल करके ब्याज पर होने वाला खर्च घटा रहा है। इसे भारत के ऊर्जा मंत्री एवं उपस्थित सभी , ने बहुत सराहा।