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उपभोक्ताओं को आसानी से बिजली कनेक्शन मिले, इसके लिए झटपट पोर्टल की भी की जा रही गहन मानीटरिंग: एके शर्मा

AK Sharma

AK Sharma

लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने आज विधान सभा (UP Assembly) में नियम-56 के तहत विपक्ष द्वारा घरेलू बिजली कनेक्शन (Electricity Connection) लेने में आ रही परेशानियों सम्बंधी दिये गये नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत उपभोक्ताओं के हितों के दृष्टिगत विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ बना रही है। जर्जर तार एवं पोल को बदला जा रहा है। ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई जा रही है जिससे कि निर्बाध विद्युत आपूर्ति दी जा सके।

उन्होंने  (AK Sharma) बताया कि वर्ष 2017 से विद्युत कनेक्शन लेने के लिए झटपट पोर्टल (Jhatpat Portal) के माध्यम से ऑनलाइन व्यवस्था की है। उपभोक्ता का आवासीय परिसर 40 मीटर की दूरी पर होने पर एक सप्ताह के भीतर कनेक्शन निर्गत कर दिया जाता है। 40 मीटर से अधिक दूरी पर उन्हें स्टीमेट दिया जाता है। जिसका भुगतान करने पर संयोजन निर्गत किया जाता है। उपभोक्ता द्वारा स्टीमेट का पैसा जमा करने के बाद भी कहीं-कहीं पर स्थानीय स्तर पर ही व्यवधान हो जाता है। आस-पास के लोग ही लाइन बनाने में व्यवधान डाल देते हैं, जिससे विलम्ब हो जाता है।

उन्होंने   (AK Sharma) सदन को आश्वस्त किया कि उपभोक्ताओं को संयोजन निर्गत करने में किसी भी प्रकार की शिकायत या लापरवाही पाये जाने पर सम्बंधित कार्मिक के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जायेगी।

पूरे प्रदेश में बिजली दी जा रही, इसलिए बिल मांग रहे: एके शर्मा

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने सदन को अवगत कराया कि इस समय प्रदेश में कुल 3.30 करोड़ उपभोक्ता हैं, जिसमें से 2.87 करोड़ घरेलू उपभोक्ता हैं। झटपट पोर्टल के माध्यम से पिछले एक वर्ष में 16.62 लाख घरेलू एवं वाणिज्यिक कनेक्शन दिये गये। जनवरी, 2023 माह में 1.225 लाख कनेक्शन दिये गये। अभी अप्रैल से जुलाई के चार महीने में 4.44 लाख कनेक्शन इस पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ताओं को दिये गये।

उन्होंने   (AK Sharma) कहा कि उपभोक्ताओं को आसानी से बिजली कनेक्शन मिले, इसके लिए झटपट पोर्टल की ऑनलाइन व्यवस्था की गहन मानीटरिंग भी की जा रही है, जिससे किसी भी प्रकार का व्यवधान एवं परेशानी उत्पन्न न होने पाये। उन्होंने कहा कि विभाग की ऐसी कोई नियमावली नहीं है जिसमें उपभोक्ताओं को कनेक्शन देने के लिए जन-प्रतिनिधियों के निधि का प्रयोग किया जाय।

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