नई दिल्ली। हाथरस की बेटी के साथ हुआ गैंगरेप की घटना ने निर्भया मामले की दरिंदगी की याद दिला दी। दिल दहला देने वाली वारदात में पीड़िता की मौत के बाद प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। अब अपराध की गंभीरता और पीड़िता की मौत के बाद नेता तेजी से सक्रिय होते हैं। पिछले कुछ समय से इस मामले को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है। वहीं बलरामपुर मे एक और दलित महिला के साथ गैंगरेप के बाद मौत ने विपक्ष को उद्वेलित कर दिया है।
हाथरस की मृतका के परिजनों को शासन के मूक आदेश पर प्रशासन ने दौड़ा-दौड़ाकर मारा है. अब जनता भी ऐसे ही इन सत्ताधारियों को दौड़ा-दौड़ाकर इंसाफ़ की चौखट तक खींच के ले जाएगी.
भाजपा के कुशासन का असली रंग जनता देख रही है. कपटियों का लबादा उतरते अब देर नहीं लगेगी. #Hathras#NoMoreBJP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 1, 2020
समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि ‘हाथरस की मृतका के परिजनों को शासन के मूक आदेश पर प्रशासन ने दौड़ा-दौड़ाकर मारा है। अब जनता भी इन सत्ताधारियों को दौड़ा-दौड़ाकर इंसाफ की चौखट तक ले जाएगी। भाजपा के कुशासन का असली रंग जनता देख रही है। कपटियों का लबादा उतरते में देर नहीं लगेगी।
हाथरस में भाजपा सरकार सत्ता पक्ष के नेताओं के लिए कोई पाबंदी नहीं लगा रही है लेकिन जनता और विपक्ष को धारा 144 के नाम से बाधित कर रही है. मृतका के गाँव-क्षेत्र में सपा के नेता व कार्यकर्ता दो दिनों से अघोषित बंदी बना के रखे गये है.
घोर निंदनीय! #Hathras#HathrasCase#NoMoreBJP pic.twitter.com/yMfY4mzOx6
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 1, 2020
राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम ने ताजा ट्वीटकर लिखा कि हाथरस में भाजपा सरकार सत्ता पक्ष के नेताओं के लिए कोई पाबंदी नहीं लगा रही है लेकिन जनता और विपक्ष को धारा 144 के नाम से बाधित कर रही है। मृतका के गांव-क्षेत्र में सपा के नेता व कार्यकर्ता दो दिनों से अघोषित बंदी बना के रखे गये है। घोर निंदनीय!