समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन की बार बार इच्छा प्रकट कर रहे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) संस्थापक शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि उनकी पार्टी जल्द ही एक बड़े राष्ट्रीय दल से गठबंधन करेगी।
सरदार बल्लभ भाई पटेल जयंती की पूर्व संध्या पर यहां केके कालेज मे आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये शिवपाल ने कहा कि सरदार पटेल की तरह अडिग होकर जीने की हर किसी को जरूरत है। उन्होने शायराना अंदाज में मशहूर बालीवुड फिल्म के लोकप्रिय गाने को गुनगुनाते हुये कहा “ ना सिर झुका के जियो , ना मुंह छिपा के जियो, गमो का दौर भी आये तो मुस्करा के जियो।” गमो के दौर का भी हर एक को डटकर मुकाबला करना चाहिये। उन्होने कहा कि प्रसपा जिस दल में होगी उसी दल की यूपी में 2022 में सरकार बनेगी।
शिवपाल ने कहा कि सरदार पटेल कट्टरबाद के खिलाफ थे, वो देश का बंटबारा नही करना चाहते थे बल्कि देश को एकजुट रखना चाहते थे। उन्होंने कहा कि यदि सरदार पटेल देश के प्रधानमंत्री होते तो देश की तस्वीर ही अलग होती। उन्होने कहा कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रसपा जल्द ही एक बड़े राष्ट्रीय दल से गठबंधन करेगी जिसकी जानकारी सबको साझा कर दी जायेगी । उन्होने कहा कि जिस तरह लक्ष्मण ने अपने भाई राम को अपना आदर्श माना था उसी तरह वो भी नेता जी (मुलायम सिंह यादव) को आदर्श मान कर आगे बढ़ रहे है। सपा से गठबंधन पर अपनी बात रख चुके है अब अखिलेश के जबाब में देरी दिख रही है। प्रसपा सभी छोटे दलों को साथ लेकर चुनाव मैदान में उतरेगा। 12 अक्टूबर से प्रसपा की रथ यात्रा शुरू हो चुकी है जो अब रुकने वाली नही है।
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शिवपाल सिंह यादव सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा लेकर उत्तर प्रदेश भ्रमण पर निकले हुए है। शिवपाल यादव लगातार भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए यूपी चुनाव 2022 में समान विचारधारा वाला पार्टियों के एक साथ आने की बात करते हुए दिखाई देने के साथ ही भी कहने से कतई नही चूकते है कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना उनकी पहली प्राथमिकता है लेकिन भतीजे अखिलेश यादव की ओर से कोई सही रूझान ना मिलने से हताश और निराश भी दिखाई दे रहे है ।
भाजपा पर निशाना साधते हुये उन्होने कहा कि किसानों को खाद की जगह पुलिस की लाठियां मिल रही है जब कि किसानों की फसल खराब हो रही है।
प्रसपा के साथ गठबंधन में अखिलेश यादव की दिलचस्पी नहीं होने के सवाल पर शिवपाल यादव ने कहा कि वो अपनी ओर से समाजवादी पार्टी से गठबंधन की पेशकश कर चुके है लेकिन अखिलेश यादव की ओर से कोई सही रूझाान ना मिलने पर अब बडे भाई नेता जी पर ही भरोसा है क्यो कि नेता जी कई दफा इस बात का संकेत दे चुके है कि वो अखिलेश से वार्ता करके सब कुछ ठीक कर देगे ।
पिछले दिनो उन्होंने अपनी तुलना महाभारत के पांडवों से करते हुए कहा था कि पांडवों ने पांच ग्राम मांगे थे, लेकिन वह दे न सके । अखिलेश इस भूल में हैं कि वह 2022 का यूपी चुनाव जीत रहे प्रसपा ने सभी 403 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे तो सबको पता है उनका हश्र क्या होगा । उनके दल का संगठन राज्य के 403 विधानसभा मे खडा हो चुका है ।
शिवपाल यादव यह भी दावा कर चुके है कि यदि अखिलेश यादव उनके साथ गठबंधन नहीं करते हैं तो नेता जी मुलायम सिंह यादव प्रसपा के लिए चुनाव प्रचार करेंगे । 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी मे चल रहे सत्ता संधर्ष के बाद 2019 के ससंदीय चुनाव मे शिवपाल सिंह यादव ने अपनी अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन किया और संसदीय चुनाव मे किस्मत अजमाई जिसमे खुद पार्टी प्रमुख शिवपाल सिंह समेत सभी उम्मीदवारो की ना केवल बुरी तरह से हार हुई बल्कि जमानत भी जब्त हो गई । उसके बाद शिवपाल सिंह यादव की ओर से लगातार गठबंधन की सपा से पेशकश की जा रही है ।








