समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज आरोप लगाया कि भारत में कोरोना महामारी के दौर में सरकारी अव्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार की दुनिया भर में किरकिरी हो रही है।
कई देशो ने भारत यात्रा पर रोक लगा दी है तो कुछ ने अपने देशवासियों को भारत छोड़ने की एडवायजरी जारी कर दी हैं। वैश्विक स्तर पर इससे भारत की छवि खराब हो रही है। लेकिन इस सबके बावजूद भाजपा सरकार अहंकार में डूबी है। विपक्ष का सहयोग लेने के बजाय उनको बदनाम करने पर तुली है।
विदेशों में सरकारों ने जन सहयोग से संकट पर काबू पाया है पर यहां तो अकेले ही सब श्रेय लेने के चक्कर में मुख्यमंत्री तीसमार खां बने हुए हैं और जनता की सांसों से खिलवाड़ हो रहा है।
भाजपा सरकार की बदइंतज़ामी की वजह से कोरोना मौतों की ख़बरें दुनिया भर के प्रतिष्ठित अख़बारों-पत्रिकाओं में छपने से हमारे देश की वैश्विक छवि बहुत धूमिल हुई है।
सरेआम झूठ बोलने वाले लोग अब क्या उन प्रकाशनों की संपत्ति जब्त करेंगे या उन पर रासुका लगाएंगे। #भाजपा_सरकार_ऑक्सीजन_दो pic.twitter.com/m7ZnHYndtx
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 30, 2021
जिस तरह अस्पतालों में बेड को लेकर मारामारी बची है, प्राणवायु आक्सीजन के लिए लोग दर-दर भटक रहे है, वो बेहद दुःखद है। इलाज के लिए सलाह देने वाले डाक्टरों और अस्तपतालों के झूठे नंबर छपवाए जा रहे हैं। आक्सीजन सप्लायर फोन नम्बर बंद कर लेते हैं। सीएमओ आफिस में लालफीताशाही का जोर है। कहीं किसी की सुनवाई नहीं। अस्पतालों में दवाई नहीं। फिर भी सरेआम झूठा बोला जा रहा है। कहीं कोई कमी नहीं है। मृतक आंकड़ो में भी खेल हो रहा है।
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भाजपा सरकार कितनी अमानवीय हो सकती है इसका एक उदाहरण यह है कि पंचायती चुनावों में डयूटी कर रहे 706 शिक्षकों की सांसे थम गई। लगभग 10 हजार से ज्यादा शिक्षक कोरोना संक्रमण से ग्रसित हैं तो भी मतगणना में उनकी डयूटी लगाई जा रही है।
मृत स्वास्थ्यकर्मियों, शिक्षकों तथ पत्रकारों को 50-50 लाख रूपए की तत्काल सहायता दी जानी चाहिए पर मुख्यमंत्री को इस पर सोचने की फुर्सत कहां है?