प्रयागराज। चुनाव में अखिलेश (Akhilesh Yadav) को चाचा की याद आ ही गई, इसे कहते हैं हार का डर। यह बातें उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह (Siddharth Nath) ने ट्वीट की है। मीडिया प्रभारी दिनेश तिवारी ने बताया कि वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
शिवपाल सिंह यादव ने नई पार्टी का गठन कर जनता के बीच चुनाव लड़े। जहां उनकी पार्टी को सफलता नहीं मिली, न ही जनाधार बढ़ा। लेकिन अखिलेश यादव की जीत में रोड़ा बने।
अलग अलग राह से 2022 में भी किस्मत आजमाए तो भाजपा को लगातार दूसरी बार पुनः सरकार बनाने से अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव नहीं रोक पाए। विगत माह आजमगढ़ लोकसभा सीट से उपचुनाव में सपा को करारी हार मिली।
स्व0 मुलायम सिंह यादव की मृत्यु से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया। जिस पर अखिलेश यादव चुनाव में जीत का आशीर्वाद लेने कई वर्षों बाद अपनी पत्नी के साथ चाचा के घर शिवपाल सिंह यादव के शरण में पहुंचे।
जिस पर सिद्धार्थ नाथ सिंह (Siddharth Nath) ने कटाक्ष करते हुए प्रहार कर ट्वीट किया कि चुनाव में आ ही गई चाचा की याद अखिलेश को, इसे कहते है हार का डर।