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अखिलेश ने कहा- मुख्यमंत्री योगी ने कानून व्यवस्था को छोड़ा भगवान भरोसे

अखिलेश यादव

अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने-बड़े-बड़े वादों की मिट्टी पलीत होते देख आंखे मूंद ली है और कानून व्यवस्था को भी भगवान भरोसे छोड़ दिया है।

श्री यादव ने यहां जारी बयान में कहा कि पुलिस अपराधियों के हौसले बढ़ा ज्यादा रही है, तोड़ बहुत कम रही है। इससे बड़ी बदनामी क्या होगी कि एटा के एक कारोबारी की अपहरण के बाद हत्या फिर फिरौती वसूलने के बहाने उसकी पत्नी को बुलाकर अपहरण और गैंगरेप, 88 दिनों तक उसे बंधक रखा गया। वह महिला इंसाफ मांगती रही। उसकी एफआईआर पुलिस ने तीन साल तक नहीं लिखी।

उन्होने कहा कि हर शहर, कस्बे, गांव में कानून व्यवस्था सत्ता संरक्षित अपराधियों द्वारा रौंदी जा रही है। अलीगढ़ में एक महिला ने एफआईआर लिखाई तो भाजपा नेता ही उसके विरोध में थाने पर प्रदर्शन करने लगे। अपराधी इतने ढीठ हो गए है कि भाजपा नेताओं पर भी हाथ साफ कर रहे है। लखनऊ में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष के घर पर हमला हुआ और वाहन तोड़ दिया गया। बांदा में भाजयुमों मण्डल अध्यक्ष के घर से चोर नकदी जेवर ले गए।

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रोज हत्याएं, लूट और बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश महिलाओं के लिए सर्वाधिक असुरक्षित है। भाजपा के रामराज में खुद पुलिस पर और जिलाधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप उनके अधीनस्थ खुले आम लगाने लगे हैं। एक पूर्व डीजीपी द्वारा पैसे लेकर मलाई वाले थाने बांटने का खुलासा हुआ है। मुगलसराय कोतवाली पुलिस पर हर महीने 35 लाख रूपए की वसूली का आरोप है जिसकी सूची खुद एक आईपीएस ने डीजीपी को दी है। प्रतापगढ़ में एडिशनल एसडीएम-2 ने तो डीएम, एडीएम पर भ्रष्टाचार के सीधे आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी के आवास पर धरना भी दे दिया।

समाजवादी सरकार ने यूपी डायल 100 सेवा की शुरूआत इसलिए की थी ताकि घटनास्थल पर सूचना मिलने के बाद कम समय में पुलिस की पहुंच सुनिश्चित हो। भाजपा की सरकार ने इसे निष्क्रिय बना दिया। आज पुलिस घटनास्थल भले थोड़ी ही दूर पर हो घंटो बाद वहां पहुंचती है। कभी सीमा विवाद पर पुलिस आपस में ही भिड़ जाती है। एफआईआर लिखने में बहुत हीलाहवाली होती है। इंसाफ की मांग करने वाले को अक्सर पुलिस प्रताड़ना का शिकार होना पड़ जाता है। हिरासत में अक्सर पुलिस द्वारा ज्यादा पिटाई करने से मौतें भी हो जाती हैं।

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उन्होने कहा कि मानवाधिकार आयोग फर्जी एनकाउण्टर और हिरासत में मौंतो पर प्रदेश की भाजपा सरकार को कई नोटिसें दे चुका है। प्रदेश में पुलिस-माफिया और नेता का एक ऐसा संगठित गिरोह बन गया है जिससे अवैध गतिविधियों को संरक्षण मिल जाता है और इसका विरोध करने वाले को ही मुसीबत झेलनी पड़ जाती है। अपराधी बेखौफ अवैध खनन कराते है, पेड़ों की कटाई कराते है, सचिवालय में बैठकर ठगी का धंधा चलाते हैं यह सब देखकर भी अनदेखी की जा रही है।

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