कानपुर। उत्तर प्रदेश में नजदीक आ रहे विधान सभा चुनाव समाजवादी पार्टी जनता के बीच विकल्प बनने का प्रयास कर रही है। वहीं कुछ ऐसे नेता हैं जो अपनी नेतागिरी चमकाने में पार्टी को अहसज महसूस करा रहे हैं।
पार्टी की छवि को बचाये रखने के लिए पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब सख्त रुख अख्तियार किया है। अखिलेश ने सभी जिलाध्यक्षों से ऐसे नेताओं की सूची मांगी है, ताकि उनको या तो हिदायत दी जा सकी या बाहर का रास्ता दिखाया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बीते दिसम्बर माह की 28 तारीख को कानपुर के निराला नगर में जनसभा आयोजित हुई थी। जनसभा में अपनी नेतागिरी चमकाने को लेकर सपा के कुछ नेताओं ने अपनी ही गाड़ी को भाजपा के बैनरों से पाट दिया था और फिर उसमें तोड़फोड़ कर दी थी।
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सपा नेताओं ने यह सोंचकर प्रधानमंत्री की रैली में खलल डालने का प्रयास किया था कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की नजरों में आ जाएंगे, लेकिन यह दांव उनका उल्टा पड़ गया और पार्टी की छवि खराब होता देख पार्टी अध्यक्ष के निर्देश पर मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने उन सभी पांचों नेताओं को पार्टी से बहार का रास्ता दिखा दिया।
इसके बाद भी पार्टी अध्यक्ष शांत नहीं बैठे और प्रदेश भर के ऐसे नेताओं को चिन्हित करने का फरमान सुना दिया जो इस तरह के कार्य करके पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं। यह निर्देश जनपद के सभी जिलाध्यक्षों को दे दिये गये हैं।
कानपुर के नगर अध्यक्ष डा. इमरान ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष का निर्देश मिल गया है और पार्टी को असहज करने वाले नेताओं को चिन्हित किया जा रहा है। जल्द ही सूची पार्टी अध्यक्ष तक पहुंचा दी जाएगी। बताया कि ऐसे सभी नेताओं को चुनावी प्रक्रिया से दूर रखा जाएगा, ताकि चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी को किसी भी प्रकार की असहज स्थिति का सामना न करना पड़े।