लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को प्रचंड जनादेश मिला है। जल्द ही शपथ समारोह की तारीख भी सामने आ जाएगी। वहीं, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपनी करहल सीट तो जीत ली लेकिन सरकार में नहीं आ सके। सपा प्रमुख अखिलेश यादव को दोबारा सत्ता में लौटने के लिए एक बार फिर पांच साल इंतजार करना होगा।
इस बीच जानकारी मिली है कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान (Azam Khan) लोकसभा सदस्य बने रहेंगे। अगर ऐसा होता है तो उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।
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बताया जा रहा है कि अभी लोकसभा में समाजवादी पार्टी के केवल 5 सदस्य हैं और सियासी माहौल को देखते हुए पार्टी लोकसभा में कमजोर नहीं होना चाहती। ऐसे में अखिलेश यादव और आजम खान विधानसभा सदस्य से इस्तीफा दे सकते हैं।
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राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगर अखिलेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहेंगे तो सीधे भाजपा से लड़ते दिखेंगे। दो साल बाद साल 2024 में लोकसभा के चुनाव हैं। ऐसे में अखिलेश यादव की यूपी के सदन से दूरी को राजनीतिक जानकर ठीक नहीं समझ रहे।
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बता दें कि बीजेपी ने यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से 255 सीटों पर फतह हासिल की है। वहीं, समाजवादी पार्टी के खाते में 111 सीटें आई हैं। इसके अलावा अपना दल (सोनेलाल) ने 12 सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस ने 2 और बसपा के खाते में सिर्फ 1 सीट ही आई है।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल की झोली में 6-6 सीटें आई हैं। वहीं, राष्ट्रीय लोक दल के खाते में 8 और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक 2 सीटों पर विजयी हुई है।