लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार में सबसे ज्यादा उत्पीड़न के शिकार किसान हुए हैं। उन्होंने कहा कि न तो उनकी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिक रही है। नहीं उनका धान क्रय केन्द्रों से भुगतान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि सिंचाई की दिक्कत अलग से है। दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज के त्योहार नज़दीक हैं, किसान परेशान है कि वह कैसे ये पर्व मनाएगा? गन्ना किसानों को चीनी मिलें पिछले सत्र का भुगतान नहीं कर रही है। यूपी में भाजपा सरकार सिर्फ सख्ती के खोखले आदेश जारी करती है, कोई उनकी परवाह नहीं करता है।
योगी सरकार ने राज्य कर्मचारियों को दिया दिवाली पर बोनस का तोहफा
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार धान की कागजी खरीद के आंकड़े पेश करती है। हकीकत यह है कि बहुत जगहों पर धान क्रय केन्द्र खुले ही नहीं है। अब तो भाजपा विधायक भी धान क्रय केन्द्रों में दलाली के आरोप लगाने लगे हैं। बिचौलिये और व्यापारी 9 सौ से एक हजार रुपये में धान खरीद रहे हैं, जबकि सरकारी निर्धारित रेट 1888 रुपये प्रति कुंतल है।
प्रदेश की 9 चीनी मिलों पर 11 अरब 70 करोड़ 48 लाख रुपये का ही अभी भी बकाया है। 14 दिन में भुगतान और बकाये पर ब्याज जोड़ने के आदेश कब जारी हुए, कब हवा में खो गए, कुछ पता ही नहीं चलता है। अभी भी राज्य के गन्ना किसानों का लगभग 10 हजार करोड़ बकाया है।
नीतीश को जनता कर रही रिटायर तो खेला इमोेशनल कार्ड : चिराग पासवान
वस्तुतः भाजपा सरकार अन्नदाताओं को फकीर मानती है। वह उसे उसी स्तर पर खड़ा देखना चाहती है। गरीब की कमाई जो बैंकों में नोटबंदी के दौर से जमा होने लगी तो बड़े घरानों की लूट में दिलचस्पी के चलते बैंकों ने भी खूब कर्ज बांट दिए। बैंक का कर्ज लेकर बड़े घराने विदेशों में भाग गए और देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर गए।