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अखिलेश यादव को दुनियादारी की कोई समझ नहीं है : खन्ना

suresh khanna

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उत्तर प्रदेश के कबीना मंत्री सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव को उद्योगपतियों, व्यापारियों और दुकानदारों का विरोधी करार देते हुये कहा कि अखिलेश को कारोबार की समझ नहीं है, इसके बावजूद वह बयानबाजी करने से पीछे नहीं हटते हैं।

श्री खन्ना ने रविवार को कहा कि कारोबारियों की सोच तथा समस्याओं के बारे में अखिलेश को जानकारी नहीं है। अखिलेश के शासनकाल में बड़े उद्योगपति यूपी में निवेश करने से बचते थे क्योंकि उत्तर प्रदेश गुंडाराज में तब्दील हो गया था। मौजूदा सरकार ने राज्य में ऐसा औद्योगिक माहौल बना दिया है कि अब यहां देश विदेश के बड़े-बड़े उद्योगपति निवेश करने के लिए आ रहें हैं। सरकार को बड़े उद्योगपतियों से चार लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इसलिए अखिलेश दुकानदारी, कारोबार, व्यापार के बारे में कुछ ना ही बोले तो बेहतर रहेगा।

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उन्होने कहा कि अखिलेश यादव को दुनियादारी की कोई समझ नहीं है। कोरोना महामारी के भय से अखिलेश यादव घर के बाहर निकलने से डर रहे है। गैरजरूरी बयान देकर सुर्ख़ियों में बने रहना अब अखिलेश की आदत बनती जा रही है। उन्हें पता ही नहीं है कि सूबे की योगी सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं की तारीफ डब्ल्यूएचओ समेत पूरी दुनिया कर रही है। यहीं नहीं माइक्रोसॉफ्ट से लेकर आइका जैसे कंपनियां राज्य में अपने उद्यम की स्थापित कर रहें हैं।

प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों तथा मुख्यमंत्री के प्रयास से राज्य में देश तथा विदेश के बड़े -बड़े उद्योगपति 89,408.82 करोड़ रुपए का निवेश कर अपनी फैक्ट्री लगा रहें हैं। इसके अलावा बड़े बड़े उद्योगपतियों के कई लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव राज्य में स्थापित करने संबंधी कार्रवाई चल रही है। यह सब इस लिए हो सका है क्योंकि प्रदेश सरकार ने यूपी को गुंडाराज के आतंक से बाहर निकाल कर यूपी को एक औद्योगिक राज्य में बदल दिया है। प्रदेश से गुंडों और माफिया तत्वों को बाहर कर दिया है।

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कैबिनेट मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने छोटे दुकानदारों, ठेला, पटरी पर छोटा मोटा सामान बेचने वालो का विशेष ख्याल रखा है। इन लोगों के सुख दुःख की चिंता करते हुए ही सरकार ने सूबे में संपूर्ण लॉकडाउन नहीं किया और उन्हें अपनी जीविका को चलाते रहने का अवसर दिया। इसके अलावा उन्हें आर्थिक सहायता भी दी लेकिन यह सब अखिलेश यादव की समझ में नहीं आएगा क्योंकि उन्हें ना तो कारोबार की समझ है और ना ही वह दुकानदार तथा व्यापारी की दिक्कतों को जानते हैं। दिर भी वह इस मामले में भी गैरजरूरी बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं ।

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