गोरखपुर में रामगढ़ताल में पुलिस की पिटाई से हुई कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता का शव गुरूवार को आखिरकार अंतिम संस्कार कर दिया गया। 53 घंटे बाद मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी दर्द बयां करने की आश्वासन के बाद मृतक की पत्नी व परिवारिजनों ने यह निर्णय लिया और सुरक्षा के बीच भैरव घाट में अंतिम क्रिया सम्पन्न कराई गई। मृतक के आवास पर भारी पुलिस बल तैनात है।
इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के गोरखपुर कांड के पीड़ित परिजनों से मिलने कानपुर पहुंचे और प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला।
मृतक कारोबारी मनीष गुप्ता के परिवार से मिलने आज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहुंचे हैं। इससे पहले आज सुबह से ही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मनीष गुप्ता के घर के बाहर मौजूद हैं। सपा कार्यकर्ताओं द्वारा यहां नारेबाजी की गई तो मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने उन लोगों से इस मामले का राजनीतिकरण न करने की अपील की थी।
मनीष गुप्ता केस: 20 घंटे बाद हुआ अंतिम संस्कार, पीड़िता परिवार से मिलेंगे सीएम योगी
गोरखपुर कांड में मारे गए मनीष का अंत्येष्टि होने के कुछ ही घंटें बाद पीड़ित परिजनों से मिलने सपा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कानपुर पहुंचे। पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने मृतक की पत्नी मीनाक्षी व परिजनों से कहा कि हम आपका दुख समझ सकते हैं। न्याय की इस लड़ाई में हम आपके साथ हैं। अखिलेश यादव ने विधायक इरफान सोलंकी के जरिए डीसीपी साउथ रवीना त्यागी को भीतर बुलाने की बात कही, लेकिन डीसीपी मनीष के घर के बाहर मौजूद नहीं थीं। लिहाजा इरफान सोलंकी को वापस जाना पड़ा।
मनीष की पत्नी से मिले के बाद अखिलेश मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए। अखिलेश ने कहा कि योगीराज में पुलिस रक्षा नहीं कर रही है, जांन ले रही है। हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में मामले की जांच होनी चाहिए। परिवार की मदद के लिए सरकार को दो करोड़ रुपये देने चाहिए। समाजवादी पार्टी भी परिवार को 20 लाख रुपये देगी। अखिलेश ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चहिए।
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सपा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मीडिया से बात करते हुए कहा, गोरखपुर में पुलिस की बर्बरता ने मनीष की जान ली है। ये बहुत ही दुखद और निंदनीय है। आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने एनकाउंटर (मुठभेड़) की जिस हिंसक संस्कृति को जन्म दिया है, यह उसी का दुष्परिणाम है। घटना में संलिप्त लोगों पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए और उत्तर प्रदेश को हिंसा में धकेलने वाले इस्तीफा दें।