उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट पर उपचुनाव से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपने चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को मनाने की कवायद में जुट गए हैं। इसी क्रम में उन्होंने गुरुवार को सैफई में प्रसपा चीफ शिवपाल यादव से मुलाकात की। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट पर उपचुनाव हो रहा है। सपा ने डिंपल यादव को इस सीट से उतारा है। जबकि बीजेपी ने रघुराज शाक्य को टिकट दिया है।
इससे पहले सपा ने मैनपुरी में स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट में शिवपाल यादव का भी नाम शामिल है। इस लिस्ट में अखिलेश यादव, आजम खान, जया बच्चन समेत 40 नेताओं के नाम शामिल हैं।
शिवपाल ने किया था डिंपल के समर्थन का ऐलान
इससे पहले शिवपाल यादव ने बुधवार को सैफई में प्रसपा के कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से मैनपुरी में डिंपल का समर्थन करने के लिए कहा था।
डिंपल के नामांकन में शामिल नहीं हुए थे शिवपाल
अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की आपसी अनबन काफी पुरानी है। लेकिन मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद माना जा रहा था कि चाचा-भतीजे सारी अदावत को भुलाकर एक साथ आ जाएंगे। मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार से लेकर अस्थि कलश विसर्जन और शांति पाठ तक शिवपाल यादव-अखिलेश यादव के बीच प्यार दिखा था, जिसके बाद कयास लग रहे थे कि चाचा-भतीजे के बीच तल्खियां मिट गई हैं और मुलायम कुनबा फिर से एकजुट है।
लेकिन डिंपल यादव के मैनपुरी में उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते वक्त न तो शिवपाल यादव दिखे थे और न ही उनके बेटे आदित्य यादव। इसके बाद से शिवपाल की नाराजगी के कयास लगाए जा रहे थे।
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हालांकि, रामगोपाल यादव ने यह बात जरूर कही है कि शिवपाल यादव से पूछकर ही डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया गया है। अखिलेश यादव भी शिवपाल सिंह के न आने के सवाल पर बचते नजर आए। उन्होंने कहा था कि मुलायम परिवार में सब ठीक है और चुनाव प्रचार में सब लोग नजर आएंगे।