लखनऊ। प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भाजपा को घेरा है। उन्होंने (Akhilesh Yadav) सोमवार को जारी एक बयान में कहा है कि पिछले पांच साल के भाजपा राज में स्वास्थ्य सेवाओं को निम्न स्तर पर पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। अब भाजपा राज में खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवाओं का उत्तर प्रदेश बदनुमा मॉडल बन गया है। नए स्वास्थ्यमंत्री इस सच्चाई से अवगत भी हैं पर नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा है। भाजपा सरकार में न तो एम्बुलेंस है, न दवा, न उपचार मिलता है। मिलता है सिर्फ इंतजार।
उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार ने नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के साथ एमबीबीएस की सीटें भी बढ़ाई थी। गम्भीर बीमारियों कैंसर, किडनी, हार्ट और लीवर के इलाज की मुफ्त व्यवस्था की थी। स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता और बेहतर इलाज की दृष्टि से कीमती मशीनें भी मंगवाई गई थी। लेकिन भाजपा सरकार ने गरीबों के इलाज में कोई रुचि नहीं दिखाई। कीमती मशीनों के डिब्बों को खोलकर भी नहीं देखा गया।
भाजपा सरकार की मानसिकता गरीब विरोधी और पूंजीघरानों के संरक्षण की है। इसलिए सरकारी अस्पतालों की हालत बिगड़ती जा रही है और प्राइवेट अस्पतालों, नर्सिंग होम की बाढ़ आ गई। समाजवादी सरकार की एम्बूलेंस सेवा 108 और 102 बदहाली से गुजर रही है। भाजपा सरकार ने अस्पतालों के नाम पर खंडहर खड़े कर दिए हैं, जहां मेडिकल-पैरामेडिकल सेवाएं गायब है।
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अस्पतालों में मरीज भगवान भरोसे रहते हैं। बांदा अस्पताल में भी बिजली घंटों गायब रहती है। टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जाता है। बस्ती मेडिकल कॉलेज को यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन ने चार माह से दवाइयां नहीं दी। मरीज बाहर से महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर हैं। शुगर, बीपी की दवाइयां सब बाहर मिलती है। आपरेशन के लिए सामान मरीज को खुद लाना पड़ता है। अयोध्या में मेडिकल कॉलेज भी सरकारी लापरवाही का शिकार हैं यहां नर्स सोती रही। मरीज को समय से नहीं लगा इंजेक्शन, मरीज की मौत हो गई। इतना ही नहीं आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में स्ट्रेचर न मिलने से बेटी मां को गोद में लेकर इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले गई। एटा में कान के दर्द का उपचार कराने आई महिला हाथ में ड्रिप लेकर घंटों इधर-उधर भटकती रही। गाजियाबाद जिला अस्पताल में मरीजों को गोद में उठाकर या कंधे पर लादकर इलाज को ले जाते तीमारदारों को देखा जा सकता है।
भाजपा सरकार पांच साल बिताने के बाद अब छठे वर्ष में प्रवेश कर रही है लेकिन गरीबों, मरीजों के प्रति उसकी उदासीनता बरकरार है। सच्चाई छुपती नहीं और झूठ ज्यादा दिनों तक चलता नहीं। जनता भाजपा सरकार के झूठे वादों के पोस्टरों और विज्ञापनों से अब ऊब चुकी है। जनता अब किसी के भी बहकावे में आने वाली नहीं है।