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इत्र नगरी में सपा की महक, अखिलेश यादव जीते

Akhilesh Yadav

Akhilesh Yadav

कन्नौज : इत्र नगरी के रूप में विख्यात उत्तर प्रदेश की कन्नौज संसदीय सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) उम्मीदवार अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को रिकार्ड मतों से जीत हासिल हुई है। उन्होने मौजूदा सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार सुब्रत पाठक को करीब एक लाख 70 हजार मतों से करारी शिकस्त दी है।समजावादी गढ़ को बचाने के लिए अंतिम समय में मैदान में उतरे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी परंपरागत सीट पर जलवा क़ायम किया है। अखिलेश यादव को छह लाख 40 हजार 207 मत मिले हैं। यहां के सांसद सुब्रत पाठक पहले राउंड से पिछड़ गए। पहले राउंड में अखिलेश ने 9940 वोटों की बढ़त ले ली थी। तब से लगातार उनकी बढ़त बनी रही।

सुब्रत पाठक को इस बार चार लाख 70 हजार 131 मत मिले हैं। यहां 33 राउंड में मतगणना हुई है। शांतिपूर्ण मतगणना के लिए मतगणना केंद्र को 17 जोन और 44 सेक्टर में बांटा गया। विशेष परिस्थितियों के लिए 2 सुपर जोन भी बनाए गए। इसके अलावा सीएपीएफ, पीएसी और क्यूआरटी को सुरक्षा की कमान सौंपी गई।मतगणना स्थल के दोनों तरफ 2 किलोमीटर तक बैरियर लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया ताकि मतगणना स्थल तक भीड़ न पहुंच सके। इसके अलावा विजय जुलूस निकालने की किसी को अनुमति नहीं दी गई। कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे तो सपा कार्यालय के बाहर पैरामिलिट्री फोर्स तैनात कर दिया गया। कन्नौज लोकसभा सीट पर जीत के बाद सपा कार्यालय पहुंचे अतुल प्रधान ने समर्थकों को जीत की बधाई दी।

उन्होंने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)  जल्द कन्नौज आएंगे। वह अभी दिल्ली चले गए हैं। सभी कार्यकर्ता शांति से अपने-अपने घर जाएं। भाजपा की हार को लेकर कोई भी भड़काऊ व विवादित बयान न दें।अखिलेश यादव ने साल 2009 में कन्नौज संसदीय सीट से आखिरी बार चुनाव लड़ा था उसके बाद करीब डेढ़ दशक बाद साल 2024 में अखिलेश यादव ने कन्नौज संसदीय सीट से चुनाव लड़ा है। कन्नौज की जनता के बीच अखिलेश यादव ने अपनी पकड़ मजबूत बना कर के रखी हुई है जिसका फायदा उन्हे जीत के रूप में मिला है।कन्नौज संसदीय सीट अखिलेश यादव की पहली राजनीतिक पाठशाला कही जाती है। साल 2000 में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कन्नौज संसदीय सीट से किस्मत आजमाई थी जिसके बाद उन्हें लगातार जीत दर जीत हासिल होती रही।

बताया जाता है कि स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव जब अपने पुत्र अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का नामांकन करने के लिए कन्नौज गए तो वहां जनसभा में मतदाताओं के बीच यह कहने से नहीं चूके कि अपने बेटे अखिलेश यादव को आपको सौंप रहा हूं। सांसद बना कर भेज देना। इस अपील का असर यह हुआ कि अखिलेश यादव पहले ही चुनाव में सांसद निर्वाचित हो गए।2019 में सपा बसपा गठबंधन के बावजूद समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव कन्नौज संसदीय सीट से भाजपा के सुब्रत पाठक के मुकाबले मामूली अंतर से पराजित हो गई थी।2024 के संसदीय चुनाव में पहले अखिलेश यादव ने अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को चुनाव मैदान में उतारा लेकिन और मौके पर तेज प्रताप का टिकट काट करके खुद कन्नौज संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया।

2012 में जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तब वह कन्नौज संसदीय सीट से सांसद निर्वाचित थे लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद कन्नौज संसदीय सीट को उन्होंने छोड़ दिया इसके बाद हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी डिंपल यादव निर्विरोध निर्वाचित हो गई।2024 के संसदीय चुनाव की घोषणा के बाद काफी समय तक समाजवादी पार्टी की ओर से उम्मीदवार घोषित न होने के वजह से कार्यकर्ताओं के बीच ऊहापोह की स्थिति बनी रही लेकिन जब समाजवादी पार्टी में तेज प्रताप यादव का नाम घोषित किया उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के सांसद उम्मीदवार सुब्रत पाठक की ओर से सपा प्रमुख अखिलेश यादव को लेकर सोशल मीडिया पर तंज कसना शुरू कर दिया गया।

इसी बीच कन्नौज से समाजवादी पार्टी के करीब 500 समर्थकों ने लखनऊ जा कर टिकट बदलने की मांग के साथ ही खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव से कन्नौज से चुनाव में उतरने की अपील की, जिसे अखिलेश यादव ने स्वीकार करते हुए खुद चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।अखिलेश यादव के चुनाव मैदान में उतरने के बाद कन्नौज संसदीय सीट का मिजाज खुदवा खुद बदलना शुरू हो गया और जब आज मतगणना के बाद नतीजा सामने आया है तो कन्नौज का मिजाज भगवा से सपामय हो गया है।कन्नौज संसदीय सीट में छिबरामऊ,कन्नौज तिर्वा,औरैया जिले की बिधूना और कानपुर देहात की रसूलाबाद विधानसभा आती है।

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