अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya ) का अर्थ है जिसका कभी क्षय न हो। यानि जिसका कभी नुकसान न हो। अक्षय तृतीया को शुभ फल देने वाली तिथि माना गया है और इस दिन यदि शुभ कार्य किया जाए तो उसमें सफलता अवश्य प्राप्त होती है।
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya ) के दिन शुभ कार्य करने पर स्वंय मां लक्ष्मी अपना आशीर्वाद देती हैं और व्यक्ति को जीवन में कभी धन, दौलत और सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती। अक्षय तृतीया हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि के दिन मनाई जाती है।
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya ) का महत्व
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya ) से कई मान्यताएं, और कहानियां भी जुड़ी हैं। इसे भगवान परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इतना ही नहीं इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम के अलावा विष्णु के नर और नारायण अवतार के भी इसी दिन होने की मान्यता है। यही नहीं, त्रेता युग का आरंभ भी इसी तिथि से होने की मान्यता जुड़ी हुई है।
मान्यता है कि इस तिथि को उपवास और स्नान दान करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत का फल न कभी कम होता है और न नष्ट होता है, इसलिए इसे अक्षय (कभी न नष्ट होने वाला) तृतीया कहा जाता है। इस दिन किए गए कर्म अक्षय हो जाते हैं। इस दिन शुभ कर्म ही करने चाहिए। आइए जानते हैं इस साल कब है अक्षय तृतीया?
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya ) का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya ) की तिथि 10 मई शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 16 मिनट से शुरू होगी और इसका अंत 11 मई के दिन सुबह 2 बजकर 51 मिनट पर हो जाएगा। इसलिए इस साल अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी। 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 33 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।