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एकेटीयू में ‘कम्प्यूटेशनल इंटेलीजेंस’ विषय पर 70 से अधिक रिसर्च पेपर्स प्रस्तुत

लखनऊ । डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में शनिवार को कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में द्वितीय डोक्टोरल सिम्पोजियम ऑन ‘कम्प्यूटेशनल इंटेलीजेंस’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की वेबिनर का आयोजन किया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के घटक संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लखनऊ और स्प्रिंगर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

कार्यक्रम में जनरल चेयर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. विनीत कंसल रहे। उन्होंने सभी वक्ताओं का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के रिसर्च कार्यक्रमों की चर्चा किया। इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लखनऊ के निदेशक प्रो. एच के पालीवाल और , प्रो. दिवाकर सिंह, विभागअध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस के कार्यक्रम में सहभागिता हेतु सभी का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि पद्मश्री प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल, निदेशक आईआईटी कानपुर ने तकनीकी संस्थानों की रिसर्च व इनोवेशन में बढ़ती हुई रूचि के बारे में बताया। साथ ही विवि के इस दिशा में किये जा रहे पहल और सेशन चेयर की सराहना की।

मुख्य अतिथि, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के उपाध्यक्ष प्रो. एमपी पुनिया रहे। जिन्होंने बताया कि नयी शिक्षा नीति 2020 में भी रिसर्च के लिए प्रमुख व्यवस्था की गयी है। एक अलग सेक्शन बनाया गया है। इस क्रम में एआईसीटीई अपने स्तर से तकनीकी सस्थानों के लिए विभिन्न योजनायें चला रहा है। उन्होंने कहा कि रिसर्च व इनोवेशन समाज के हित में होना चाहिए, जिससे लोगों का जीवन सुगम बन सके। इसके लिए हमें अपने छात्रों को तकनीकी रूप से योग्य और अपने व्यवसाय के प्रति जागरूक करना होगा।

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रिसर्च के लिए आवश्यक बजट की भी व्यवस्था की गयी है, जिससे देश में रिसर्च और इनोवेशन के प्रति छात्रों का रुझान बढे। आईओटी, आर्टिफीसियल इंटलीजेंस, डाटा साइंस, डेटा माइनिंग, मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में छात्रों को मिशन मोड पर रिसर्च करनी चाहिए। इस कार्यक्रम में 70 से अधिक रिसर्च पेपर्स प्रस्तुत किये गये।

वेबिनार में इटली की यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलाब्रिया से प्रो. गिनाकार्लो फोरनिटो, मिस्र की केरियो यूनिवर्सिटी से प्रो. अब्दुल एलाह हसन, तिजुवाना इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से प्रो ओस्कर कैस्तिलियो ने भी प्रतिभाग किया।

शोधार्थियों से चर्चा हेतु प्रो. जॉन जी हेल, ओपन यूनिवर्सिटी यूके, प्रो. पिगेरलूनी सिगारो, यूनिवर्सिटी ऑफ़ सलेरिनो, इटली , अर्विन्दा बोस, स्प्रिंगर नेचर, प्रो. मनु महक, एल्सवेयर जरनल ऑफ़ कंप्यूटर एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, स्टेवेंस इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी,यू एस ए ने अपने विचार रखे।

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