Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

Alert : भारत में बड़े पैमाने पर लोग हैं सीएडी से ग्रसित, जानिए क्या हैं लक्षण

cardiac stent

cardiac stent

नई दिल्ली। भारत में लोग काफी बड़े पैमाने पर लोग कोरोनरी आर्टरी डिजीज यानी सीएडी से ग्रसित हैं। कोरोनरी आर्टरी डिजीज से तात्पर्य एक ऐसी बीमारी से है, जिसमें हृदय तक खून सही तरह से नहीं पंहुचता है। ऐसा मुख्य रूप से हृदय तक खून ले जाने वाली धमनियों के ब्लॉक हो जाने या फिर किसी और गड़बड़ी के कारण होता है। भारत में यह बीमारी कई लोगों की मृत्यु का कारण है, लेकिन इसका इलाज संभव है। यदि वक्त रहते सीएडी का इलाज कर दिया जाए तो यह कोई जानलेवा बीमारी नहीं है।

ग्रेटर हैदराबाद नगर-निगम चुनाव में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच मतदान जारी

हमारे देश में प्रति एक लाख की आबादी में से करीब 272 लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं और यह प्रति एक लाख पर 235 के वैश्विक औसत से अधिक है। सीएडी में आर्टरीज सिकुड़ जाती हैं या अवरुद्ध हो जाती हैं, जिसका कारण शारीरिक गतिविधियों का अभाव और भोजन संबंधी आदतों में बदलाव हो सकता है। कोरोनरी आर्टरी की जटिलताओं वाले रोगियों में डायबिटीज या मोटापा जैसी जीवनशैली से संबंधित रोगों के अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि गंभीर मामलों के लिए, जिनमें रोगी कोरोनरी हार्ट डिजीज के उच्च जोखिम की शिकायत करते हैं, डॉक्टर विकल्प के तौर पर कार्डियक स्टेंट्स की सलाह देते हैं।

लेकिन कुछ ऐसे कारक हैं, जिनमें व्यवहार, अवस्थाएं या आदतें शामिल हैं, उनसे सीएडी के विकसित होने की प्रक्रिया तेज हो सकती है। ऐसी दशा में अच्छी गुणवत्ता का स्टेंट जान बचा सकता है। इसलिए भारतीय रोगियों और उच्च गुणवत्ता के स्टेंट्स के बीच अंतर को दूर करना महत्वपूर्ण है, ताकि रोगी की सुरक्षा से कोई समझौता न हो। घरेलू विनिर्माताओं को विश्व में बनने वाले इन स्टेंट्स को मापदंड के तौर पर उपयोग में लाना चाहिए, ताकि गुणवत्तापूर्ण यंत्र बनाए जा सकें और इससे सही मायनों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दिया जा सकता है।

Exit mobile version