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इस दिन बंकर से बाहर निकलेंगे ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई

Ayatollah Ali Khamenei

Ayatollah Ali Khamenei

13 जून को इजराइल अटैक के तुरंत बाद खामेनेई (Ali Khamenei ) को तेहरान के पास ईरान आर्मी ने एक बंकर में छिपा दिया है। तब से खामेनेई अपने सुरक्षाबलों के साथ बंकर में ही मौजूद हैं। बंकर में छिपे ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई आखिर कब बाहर निकलेंगे यह सवाल सुर्खियों में है?

अब जो चर्चा चल रही है, उसके मुताबिक 28 जून (शनिवार) को खामेनेई (Ali Khamenei ) बंकर से बाहर निकल सकते हैं। दरअसल, ईरान ने ऐलान किया है कि 28 जून को इजराइली हमले में मारे गए कमांडर और वैज्ञानिकों का वो अंतिम संस्कार करेगा। ऐसे में इस बात की संभावनाएं है कि ईरान के इन शहीद सैनिकों के जनाजा-ए-नमाज में खामेनेई भी शामिल हो।

खामेनेई (Ali Khamenei ) ईरान सत्ता प्रमुख के साथ-साथ धार्मिक प्रमुख भी हैं। पहले भी बड़े कमांडर या अधिकारियों के जनाजे में वे शरीक होते रहे हैं। हिजबुल्लाह के चीफ जब नसरुल्लाह का अंतिम संस्कार लेबनान के बेरुत में हुआ था। खामेनेई इसमें शामिल होने के लिए बेरुत पहुंचे थे। नसरुल्लाह को खामेनेई का करीबी माना जाता था।

2020 में जनरल कासिम सुलेमानी का जब इराक में जनाजा निकलान तो खामेनेई रो पड़े थे। उन्होंने सुलेमानी की मौत को कभी ना भूलाने वाला बताया था। सुलेमानी की हत्या का आरोप अमेरिकी एजेंसियों पर लगे थे।

पुराने ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए कहा जा रहा है कि खामेनेई (Ali Khamenei ) इस बार भी बंकर से जनाजा में शामिल होने के लिए बाहर आएंगे। ईरान सरकार के मुताबिक तेहरान में 28 जून को सुबह 8 बजे कमांडर और वैज्ञानिकों को दफनाया जाएगा।

दफन की प्रक्रिया पूरी करने से पहले तेहरान में ही आखिरी नमाज पढ़ा जाएगा। कहा जा रहा है कि खामेनेई खुद इसका नेतृत्व कर सकते हैं।

खामेनेई से अधिकारियों का कटा संपर्क

एक्सियोस के मुताबिक खामेनेई से ईरान के बड़े अफसरों का कनेक्शन कट गया है। यह खुलासा तब हुआ, जब ईरान पर अमेरिकी बम गिरने से पहले तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोआन ने खामेनेई से संपर्क करने की कोशिश की।

ईरान के राष्ट्रपति ने तुर्किए से कहा कि खामेनेई से संपर्क नहीं हो पा रहा है, इसलिए हम आपसे बात नहीं करा सकते हैं। खामेनेई की सुरक्षा ईरान की स्पेशल सिक्योरिटी गार्ड के हवाले है। इसे सेपाह-ए-वली-ए-अम्र कहा जाता है।

इस फोर्स में करीब 12 हजार बॉडीगार्ड्स रहते हैं। जो अलग-अलग तरीके से अपनी जिम्मेदारियां निभाते हैं। जंग शुरू होते ही खामेनेई ने खुद को वली-अम्र के हवाले कर दिया था, जिसके बाद उन्हें सुरक्षित बंकर में ले जाया गया।

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