मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी विभाग कर संग्रहण के लिए मिशन मोड में कार्य करें। नागरिकों को जागरूक कर अधिक से अधिक कर संग्रहण किया जाये तथा कर अपवंचन रोकने के लिए सख्ती से कार्रवाई की जाए।
श्री चौहान आज यहां मंत्रालय में कर संग्रहण वाले विभिन्न विभाग की राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव एस एन मिश्रा और प्रमुख सचिव मनोज गोविल आदि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर संग्रहण के लिए राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के अधिकारी मिलकर कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की चुनौती के बावजूद जीएसटी सहित अन्य करों के संग्रहण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इसके लिए सभी संबंधित विभाग बधाई के पात्र हैं। श्री चौहान ने कहा कि जीएसटी संग्रहण में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। राज्यांश के रूप में मध्यप्रदेश को 4542 करोड़ रूपए मिलेंगे, जिसमें से 3866 करोड़ रूपए प्राप्त हो चुके हैं। यह कोरोना संकट काल में बड़ी राहत है।
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वेट संग्रहण में प्रदेश में जनवरी माह की प्राप्ति गत वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है। आगामी माहों में भी अधिक संग्रहण का अनुमान है। प्रदेश की आबकारी आय में भी जनवरी माह में गत वर्ष की तुलना में वृद्धि दर्ज की गई है। गत वर्ष जनवरी माह में 839 करोड़ की राजस्व प्राप्ति थी, इस वर्ष जनवरी में 928 करोड़ रूपये रही है।
स्टाम्प एवं पंजीयन राजस्व की समीक्षा में पाया गया कि गत दिसम्बर माह में 2 प्रतिशत ड्यूटी कम करने से गत वर्ष की तुलना में 94 प्रतिशत राजस्व वृद्धि हुई। जनवरी माह में 19 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी है। खनिज आय में सितम्बर 2020 से अभी तक लगभग 25 से 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है। जनवरी माह में 553 करोड़ रूपये खनिज राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि गत वर्ष जनवरी में 428 करोड़ रूपए प्राप्त हुआ था।
परिवहन राजस्व में जनवरी माह में कमी आई है। इसका एक प्रमुख कारण वाहनों की बिक्री में कमी है। केवल ट्रेक्टर्स की बिक्री बढ़ी है। ट्रेक्टर्स पर पंजीयन शुल्क 01 रूपए तथा रोड टैक्स शून्य है।
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मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में खनिज खदानों के आवंटन का कार्य तेजी से किया जाये। उन्होंने कहा कि नागरिकों की सुविधा के लिए सरकार ऑनलाइन रजिस्ट्री सुविधा पर विचार कर रही है, जिससे जमीन के पंजीयन के लिए नागरिकों को उप-पंजीयक कार्यालय जाना नहीं पड़ेगा।
मुख्य सचिव श्री बैंस ने कहा कि बकाया जीएसटी की वसूली के लिए वन टाइम सेटलमेंट किया जाये। प्रदेश में सरल समाधान योजना के अंतर्गत 146 करोड़ 53 लाख रूपये के बकाया जीएसटी की वसूली की जा चुकी है।