लखनऊ। अज़ीम शख़्सियत, ईमानदार पत्रकार जनाब कमाल ख़ान साहब के इन्तेक़ाल से देश की हर न्यायप्रिय देशवासी को बेहद रंज और सदमा है।
आपकी पत्रकारिता लोकतंत्र संविधान की सुरक्षा का संदेश बड़े ही सलीक़े और मज़बूत आवाज़ उठाने की होती थी।
आपकी पहचान वरिष्ठतम पत्रकार मानवता और मानव अधिकार सुरक्षा में बेबाक बोलने वाले अज़ीम पत्रकार की थी। आप धर्मनिरपेक्ष न्यायप्रिय युवा पत्रकारों के लिए आदर्श मिसाल थे, जो एक, दीपक दर्पण का मज़बूत स्तंभ रौशन मीनार रहे हैं।
हमारे संघर्ष को और हमारी मागों को, आपने बेहद निशपक्षता से साझा किया, आम जनमानस तक पहुंचाया।
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महिलाओं के लिए, समाजी बराबरी, न्याय अधिकार सुरक्षा, शिक्षा पर सदैव आवाज़ उठाई, पत्रकारिता की दुनिया में आपसी सौहार्द राष्ट्रीयता पर यक़ीन रखते थे। हम शतशत सलाम करते हैं हमारी अल्लाह पाक से दुआ है, मरहूम ओ मग़फ़ूर , जनता कमाल ख़ान साहब को जन्नतुल फ़िरदौस में जगह दे , आमीन ।
शाइस्ता अम्बर , समाजसेवी, अध्यक्ष ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड