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गांधी जयंती से पहले डेढ़ महीने के लिए बंद हो जाएंगी सभी शराब की दुकानें, ये है वजह

Liquor

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द‍िल्‍ली सरकार की ओर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ल‍िए नई आबकारी नीत‍ि लागू की गई है। इसके लागू होने के बाद अब शराब के कारोबार में कई बड़े बदलाव भी क‍िए जा रहे हैं। सरकार की ओर से एक अक्‍टूबर से सभी प्राईवेट शराब की दुकानों को बंद कर द‍िया जाएगा। इस दौरान स‍िर्फ सरकारी शराब की दुकानों को ही खुलने की अनुमति होगी। यानी आने वाले समय में द‍िल्‍ली में शराब की भारी क‍िल्‍लत होने की संभावना भी जताई जा रही है।

जानकारी के मुताब‍िक नई आबकारी नीत‍ि लागू होने के बाद अब शराब की बिक्री के ल‍िए द‍िए जाने वाले लाईसेंस को लेकर भी नए मानक तैयार क‍िए गए हैं। द‍िल्‍ली में मौजूदा सभी प्राईवेट और सरकारी शराब की दुकानों को भी चरणबद्ध तरीके से बंद करने की योजना पर काम क‍िया जा रहा है। नए फैसले से एक अक्टूबर से 16 नवंबर के बीच यानि करीब 45 दिनों तक लोगों को स‍िर्फ सरकारी शराब की दुकानों पर ही शराब म‍िलेगी। इसकी वजह से इन दुकानों पर लंबी कतार लगने और आउट ऑफ स्‍टॉफ होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है।

इस बीच देखा जाए तो नई नीत‍ि लागू होने के बाद शराब की क‍िल्‍लत पैदा ना हो, इसको लेकर व‍िभाग ने योजना तैयार की है। व‍िभाग की ओर से एक अक्टूबर से 47 दिनों के लिए प्लान तैयार क‍िया जा रहा है। लेक‍िन यह क‍ितना कारगर साब‍ित होगा, इस पर भी सवाल खड़े होते द‍िख रहे हैं।

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बताया जाता है क‍ि सरकार ने प्राईवेट दुकानों को एक अक्‍टूबर से बंद करने का तो फैसला ले ल‍िया है लेक‍िन द‍िल्‍ली की शराब की जरूरत को कैस पूरा क‍िया जाएगा, इसकी कोई तैयारी नहीं की है। अभी तक शराब को सप्लाई कैसे किया जाए, इसका कोई प्लान तैयार नहीं किया गया। ऐसे में माना जा रहा है कि शराब माफिया इस मौके का पूरा फायदा उठा सकते हैं।

विभाग ने सभी होलसेलरों से कहा है कि वे अगले चार महीने का स्टॉक वैसे ही मेंटेन करते रहें, जैसे अभी कर रहे हैं। शराब के स्टॉक में किसी भी तरह की कमी न करें. विभाग यह सुनिश्चित करने में लगा है कि डिमांड और सप्लाई में कितना गैप रहा। क्या डिस्ट्रिब्यूटर्स के पास शराब और बीयर के पर्याप्त स्टॉक है भी या नहीं?

एक्साइज विभाग का मानना है कि स्टॉक मेंटेन करना सबसे जरूरी है। अगर शराब की कमी पड़ गई तो दुकानों पर शराब मिलेगी ही नहीं। इसलिए विभाग कोशिश कर रहा है किसी भी कीमत में होलसेलर के पास शराब के स्टॉक में कमी न रहे।

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नई आबकारी नीति के तहत आगामी 30 सितंबर को द‍िल्‍ली के करीब 260 प्राइवेट शराब के ठेके बंद हो जाएंगे। दिल्ली में कुल 850 शराब की दुकानों में से केवल दिल्ली सरकार की एजेंसियों द्वारा संचालित शराब दुकानें 16 नवंबर तक खुली रहेंगी। खुली बोली के जरिए लाइसेंस हासिल करने वाले नए लोग 17 नवंबर से बाजार में आएंगे और 850 दुकानों का संचालन करेंगे।

उधर, शराब के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है क‍ि शराब की दुकानें बंद होने से करीब 3,000 से ज्‍यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे।

सरकारी के मुकाबले प्राईवेट दुकानों से म‍िलता है ज्‍यादा राजस्‍व

बताया जाता है क‍ि द‍िल्‍ली में कुल 60 फीसदी दुकानें सरकारी हैं। लेक‍िन सरकार को 40 फीसदी प्राईवेट दुकानों से सरकारी दुकानों के मुकाबले ज्‍यादा राजस्‍व अर्जित होता है। वहीं, शराब दुकानदार एसोसिएशन सरकार की ओर से प्राईवेट दुकानों को बंद करने के फैसले से खुश नहीं है।

एसोस‍िएशन के अध्यक्ष नरेश गोयल का कहना है क‍ि दुकानों को बंद करने का फैसला बहुत ही जल्‍दबाजी में क‍िया जा रहा है। उन्‍होंने कहा क‍ि सरकार के फैसले के बाद कुछ इलाकों में प्राइवेट शराब की दुकानों ने शेष स्टॉक बेचने के बाद अपनी दुकान पहले ही बंद कर दी है। उन्होंने संभावना जताई क‍ि शराब की कमी होना तय है क्योंकि प्राइवेट दुकानदारों के पास बेहतर स्टॉक हुआ करता था।

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