नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) समाप्त हो गई है। इस सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे समेत अन्य नेता मौजूद रहे। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हो रही इस सर्वदलीय बैठक के दौरान पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
बैठक (All Party Meeting) में गृह मंत्री अमित शाह ने माना कि चूक हुई। उन्होंने कहा कि अगर कुछ नहीं हुआ होता तो हम यहां क्यों बैठे होते?
ज्यादातर राजनीतिक दलों ने इंटेलिजेंस फेलियर और वहां पर प्रॉपर सुरक्षा डेप्लॉयमेंट की बात उठाई। राहुल गांधी ने भी पूछा कि उपर जहां घटना हुई वहां सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं थे? जिस पर सरकार का कहना था कि जनरली इस रूट को जून के महीने में खोला जाता है। जब अमरनाथ यात्रा शुरू होती है, क्योंकि अमरनाथ यात्रा के यात्री इस जगह पर रेस्ट करते हैं।
लेकिन इस बार लोकल टूर ऑपरेटर्स ने सरकार को बिना जानकारी दिए हुए वहां पर टूरिस्ट की बुकिंग लेनी शुरू कर दी और 20 अप्रैल से वहां पर टूरिस्ट को ले जाना शुरू कर दिया। जिस बात की जानकारी लोकल अथॉरिटीज को नहीं थी। इस वजह से वहां पर डेप्लॉयमेंट नहीं किया गया, क्योंकि इस जगह पर डेप्लॉयमेंट हर साल जून के महीने में अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से पहले होता है।
घटना कैसे हुई और कहां चूक हुई? अधिकारियों ने दी जानकारी
सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “सभी ने इस बात पर सहमति जताई है कि भारत को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए। भारत ने पहले भी आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और आगे भी करता रहेगा। सरकार की तरफ से सर्वदलीय बैठक में इस पर चर्चा की गई है।”
उन्होंने कहा कि आईबी, गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने घटना के बारे में जानकारी दी कि घटना कैसे हुई और कहां चूक हुई। सभी दलों ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में वे सरकार के साथ हैं। सभी राजनीतिक दलों ने यह संदेश दिया है और सभी दलों के नेताओं ने एक स्वर में कहा है कि सरकार जो भी कदम उठाएगी, हम उसका समर्थन करेंगे। बैठक सकारात्मक नोट पर समाप्त हुई।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “बैठक बहुत अच्छी रही और वास्तव में सभी राजनीतिक नेताओं ने पाकिस्तान के संबंध में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) द्वारा की गई कार्रवाई का सर्वसम्मति से समर्थन किया। बैठक में सरकार ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार हमारे देश में आतंकवादी गतिविधियों के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएगी और सभी नेताओं ने सरकार द्वारा की जा रही सभी कार्रवाइयों और भविष्य में की जाने वाली सभी कार्रवाइयों के लिए सरकार के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की।”
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पूछा- कैसे हुई सुरक्षा चूक?
केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “ऐसी महत्वपूर्ण बैठक में पीएम मोदी का मौजूद रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि पीएम मोदी द्वारा लिया गया फैसला अंतिम होता है। तीन स्तरीय सुरक्षा के बावजूद सुरक्षा चूक कैसे हुई?
उन्होंने कहा कियह सुरक्षा चूक है और सरकार ने आतंकी हमले के जवाब में तुरंत कार्रवाई नहीं की। हम देश के हित में सरकार के फैसले का समर्थन करेंगे। हम इस घटना की निंदा करते हैं। हम यह संदेश देना चाहते हैं कि देश एकजुट है।
बैठक में ओवैसी ने पूछे ये सवाल
केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “केंद्र सरकार उस देश के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है जो आतंकवादी समूहों को पनाह देता है। अंतरराष्ट्रीय कानून हमें पाकिस्तान के खिलाफ आत्मरक्षा में हवाई और नौसैनिक नाकाबंदी करने और हथियारों की बिक्री पर पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की भी अनुमति देता है।”
उन्होंने कहा किसीआरपीएफ को बैसरन मैदान में क्यों नहीं तैनात किया गया? त्वरित प्रतिक्रिया दल को वहां पहुंचने में एक घंटा क्यों लगा और उन्होंने लोगों का धर्म पूछकर उन्हें गोली क्यों मारी। कश्मीरियों और कश्मीरी छात्रों के खिलाफ झूठा प्रचार बंद होना चाहिए।मैं जिस तरह से आतंकवादियों ने लोगों का धर्म पूछकर उनकी हत्या की निंदा करता हूं। यह बहुत अच्छी बात है कि सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन हम पानी कहां रखेंगे?
कमीनें धर्म पूछकर निर्दोषों को गोली मार रहे…, पहलगाम हमले के आतंकियों पर भड़के औवैसी
उन्होंने कहा किकेंद्र सरकार जो भी फैसला लेगी हम उसका समर्थन करेंगे। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। इस अवसर पर डायरेक्टर इंटेलिजेंस ब्यूरो ने 15 मिनट का प्रजेंटेशन दिया।