वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) में दर्शन पूजन के अब तक सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं। महाकुम्भ के शुरू होने के साथ जो रेला प्रयागराज से काशी पहुंचा उसका असर ये रहा कि महज बीस दिनों में ही बाबा विश्वनाथ के दरबार में एक करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किए। पौष पूर्णिमा के साथ ही प्रयागराज से पलट प्रवाह काशी की तरफ हुआ और विश्वनाथ मंदिर में भारी भीड़ देखने को मिली। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि जनवरी माह में एक करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) में भक्तों के दर्शन करने के अब तक के सारे रिकोर्ड टूट गए हैं। 28 जनवरी से 31 जनवरी के बीच श्रद्धालुओं की संख्या सबसे ज्यादा रही। मौनी अमावस्या से एक दिन पहले ही मंदिर में भारी भीड़ जुटने लगी थी। मौनी अमावस्या को भी श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या रही। सिर्फ एक हफ्ते में ही 50 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। अब बसंत पंचमी पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होने का अनुमान है।
बसंत पंचमी पर 40 लाख श्रद्धालु का अनुमान
प्रशासन का अनुमान है कि बसंत पंचमी पर चालीस लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे। प्रयागराज से पलट प्रवाह को देखते हुए इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। महाकुम्भ क्षेत्र में हुई दुर्घटना से सबक लेते हुए प्रशासन का रूट डायवर्जन और क्राउड मैनेजमेंट पे विशेष फोकस है। गंगा में नौकायन को लेकर भी नियम कड़े किए गए हैं। चप्पू नाव के परिचालन पर रोक लगा दी गई है, जबकि बड़ी नावों में तय संख्या में ही श्रद्धालुओं को बिठाने का नियम बनाया गया है।
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शाम को सूर्यास्त के बाद नावें नही चलेंगी और बिना लाइफ जैकेट के कोई भी नाविक श्रद्धालु नही बिठाएगा। प्रशासन ने बताया कि गंगा घाट की निगरानी ड्रोन से होगी। प्रशासन सबसे ज्यादा अलर्ट मोड में विश्वनाथ मंदिर और गोदौलिया चौराहे के पास दिख रहा है। बैरिकेडिंग और डायवर्जन के जरिये श्रद्धालुओं को दर्शन कराया जा रहा है।