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राज्य के सभी निवासी देश के नागरिक हैं और इसे कोई बदल नहीं सकता : ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) या राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को लागू नहीं करेगी।

बनर्जी ने कहा कि राज्य के सभी निवासी देश के नागरिक हैं और इसे कोई बदल नहीं सकता। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का इस्तेमाल कर भेदभाव की राजनीति करने का आरोप लगाया। यहां उत्तर चौबीस परगना जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा,  मैं एक मुख्यमंत्री के तौर पर कहती हूं कि आप सभी नागरिक हैं और इसे कोई बदल नहीं सकता। हम एनआरसी या एनपीआर को लागू नहीं करेंगे।

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उन्होंने दावा किया कि यह भाजपा द्वारा लोगों को राज्य से बाहर करने की साजिश है। भाजपा महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने गत सप्ताह कहा था कि अगले साल जनवरी से सीएए लागू किया जा सकता है क्योंकि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में बड़े स्तर पर शरणार्थी आबादी को नागरिकता देने के पक्ष में है।

उत्तर चौबीस परगना जिले और नदिया जिले में कई विधानसभा क्षेत्रों पर पकड़ रखने वाले मतुआ समुदाय को लुभाने का प्रयास करते हुए बनर्जी ने कहा कि इस समुदाय के विकास के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा,  हम बंगाल को गुजरात नहीं बनने देंगे।  बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा ने भेदभाव की राजनीति कर के देश को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के हित के विरुद्ध तीन कृषि कानून लाए हैं जिससे कारपोरेट घराने अपनी इच्छानुसार किसानों की उपज ले जा सकेंगे।

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मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने आलू, प्याज और अन्य जरूरी खाद्य सामग्री को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया और जमाखोरी को बढ़ावा दिया है जिससे चीजों की कीमत में वृद्धि हो रही है।

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