नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर कहा कि किसान भाईयों और बहनों से आग्रह करना चाहता हूं कि मुद्दों पर चर्चा के लिए जो लिखित प्रस्ताव भेजा गया है उस पर विचार करें। आप जब भी चर्चा करना चाहें भारत सरकार हमर समय बातचीत के लिए तैयार रहेगी।
तोमर ने कहा कि सरकार पहले भी बोल चुकी है कि एमएसपी चलती रहेगी, खत्म नहीं होगी। यहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद बोल चुके हैं कि एमएसपी चलती रहेगी। इसके बाद भी अगर एमएसपी को लेकर कोई भी आशंका है तो हम लिखित में आश्वासन दे सकते हैं। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम लोगों को लगता था कि कानूनी प्लेटफॉर्म का फायदा लोग अच्छे से उठाएंगे। किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित होगा। नई तकनीक से जुड़ेगा।
#WATCH LIVE: Minister of Agriculture and Farmer Welfare, Narendra Singh Tomar addresses the media, in Delhi. https://t.co/SRJyIhIzIu
— ANI (@ANI) December 10, 2020
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम ठंड के इस मौसम और कोविड- 19 महामारी के बीच किसानों के प्रदर्शन को लेकर चिंतित हैं। सरकार किसानों के जो भी मुद्दे हैं उनके बारे में कोई भी प्रावधान करने पर खुले मन से विचार करने के लिए तैयार है, ताकि किसानों की शंका को दूर किया जा सके। कृषि मंत्री ने कहा कि हम बहुत योजना पूर्वक, बहुत ध्यान रखते हुए कि किसान की माली हालत कैसे सुधर सकती है, हमने बहुत अच्छा करने के लिए ही यह कानून लाया।
वार्ता के सवाल पर कृषि मंत्री ने कहा कि कुल मिलाकर आज के प्रेस कॉन्फ्रेंस का मतलब यही है कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं। जब भी बातचीत की बात होगी हम तैयार हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में इस बात की कोशिश की जा रहा है कि आत्म निर्भर बनाना है। जब तक कृषि और गांव दोनों आत्म निर्भर नहीं होंगे जब तक देश को आत्मनिर्भर बनाने का सपना पूरा नहीं होगा।
हम लोगों ने प्रस्ताव दिया कि राज्य सरकार निजी मंडियों की व्यवस्था भी लागू कर सकती है। हमारे एक्ट में ये था कि पैन कार्ड से ही खरीद हो सकेगी। पैन कार्ड से खरीदी को लेकर किसानों के आशंका के समाधान के लिए भी हम राजी हुए। दूसरी उनका मुद्दा था कि आपने विवाद निपटाने के लिए एसडीएम को शामिल किया है। कृषि मंत्री ने कहा कि छोटा किसान होगा छोटे क्षेत्र का होगा तो जब वो न्यायायल जाएगा तो वहां समय लगेगा। हम लोगों ने इसके समाधान के लिए भी न्यायालय में जाने का विकल्प दिए।
कानून के वे प्रावधान जिन पर किसानों को आपत्ति है उन पर सरकार खुले मन से विचार करने पर सहमत है। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि यह कानून वैद्य नहीं है। इस कानून से एमएसपी कही से भी प्रभावित नहीं होती है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि आज संसद के पिछले सत्र में भारत सरकार ने तीन कानून लेकर आई थी। इनमें से दो कानून पर लोकसभा और राज्यसभा में चार-चार घंटे सभी सदस्यों ने विचार किया। पहले लोकसभा में पारित हुए। राज्य सभा में चार घंटे बहस पूरी हुई, जब मेरे बोलने की बारी आई तो विपक्ष के कुछ लोगों ने हंगामा किया। हालांकि, दोनों कानून पारित हुए और फिर राष्ट्रपति के पास भेजा गया।
कृषि क्षेत्र में योजनाओं के माध्यम से काफी कुछ करने का प्रयत्न किया जा रहा है। लेकिन कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश गांवों तक पहुंचे इसकी संभावनाएं न के बराबर थी। भारत सरकार ने पीएम मोदी के नेतृत्व में लगातार खेती किसानी आगे बढ़े, किसानों की आमदनी बढ़े, योजनाओं को परिस्कृत किया जाए, इसके लिए मोदी जी के नेतृत्व में काम हुआ। आप सब को पता है कि साल 2014 से पहले यूरिया की भयानक किल्लत होती थी। जब यूरिया की जरूरत होती थी तो मंत्री दिल्ली में डेरा डालकर बैठते थे। यहां तक देश के अनेक स्थानों में पुलिस के माध्यम से यूरिया बटवाई जाती थी।
किसानों के आंदोलन को देखते हुए सरकार उनको मनाने में जुटी है। कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी तक कोई रास्ता नहीं निकल पाया है। किसान कानून को खत्म करने की बात पर अड़े हैं तो सरकार संशोधन पर राजी है। सरकार ने किसानों को अपनी ओर से प्रस्ताव भी दिया था जिसे किसानों ने मानने से इनकार कर दिया है।