पूर्व मंत्री व ब्राह्मण वर्ग में पकड़ रखने वाले हरिशंकर तिवारी के तीनों पुत्र रविवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
हरिशंकर तिवारी के सपा में शामिल होने से कुछ जिलों में ब्राह्मण वोट बैंक प्रभावित करने की संभावना जताई जा रही है। गोरखपुर, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर आदि जिलों के ब्राह्मण वर्ग के बीच हरिशंकर तिवारी का वर्चस्व माना जाता है।
हरिशंकर तिवारी के बडे़ पुत्र पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी, चिल्लूपार के विधायक विनय शंकर तिवारी के साथ ही विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पाण्डेय, संत कबीरनगर से भाजपा विधायक दिग्विजय नारायण चौबे उर्फ जय और बसपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी संतोष तिवारी भी सपा में शामिल हो गए।
समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद विनय शंकर तिवारी ने कहा कि 2017 में जनता के बड़े समर्थन और उत्साह से यूपी में भाजपा की सरकार बनी लेकिन इस सरकार ने लोकतंत्र नहीं, राजतंत्र को अपनाया। लोगों के बोलने पर पाबंदी लगाई। काम किसी और का है पर पत्थर अपना लगवा रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग समाज में तोड़फोड़ कर रहे हैं। धरातल पर कोई काम सरकार ने नहीं किया। गोरखपुर में बाढ़ प्रभावित इलाके के लिए कोई बजट नहीं दिया गया। गोरखपुर विशवविद्यालय में जाति विशेष के लोगों को नियुक्ति दी गई है। इस सरकार में ब्राह्मण समाज का लगातार अपमान किया गया है। इस सरकार ने एनकाउंटर की नीति अपनाई है।