लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने हाथरस घटना की जांच को लेकर सीबीआई से बड़ा सवाल पूछा है। कोर्ट ने सीबीआई से घटना की जांच को कितने समय में पूरा किया जाएगा ये पूछा है? साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि अगली सुनवाई के दौरान हाथरस मामले की स्टेटस रिपोर्ट भी जमा की जाए।
ज्ञात है कि इस मामले की 2 नवंबर को पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आदेश रिजर्व कर लिया था। इस सुनवाई में जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस राजन रॉय की बेंच ने स्वतः संज्ञान लेते हुए दर्ज जनहित याचिका पर ये आदेश पारित किया था।
गुरुवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने 2 नवंबर को हुई सुनवाई प्रक्रिया को भी दर्ज किया। कोर्ट के सामने अभियुक्तों की ओर से खुद को पक्षकार बनाए जाने की प्रार्थना भी की गई। लेकिन कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को निस्तारित कर दिया।
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कोर्ट ने कहा कि फ़िलहाल कोर्ट दो बिंदुओं पर सुनवाई कर रही है। जिसमें पहला सर्वोच्च न्यायालय के 27 अक्टूबर के आदेश के अनुपालन में विवेचना और मॉनिटरिंग करना है और दूसरे में युवती के अंतिम संस्कार के मुद्दे पर सुनवाई की जा रही है।
इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि इन दो मुख्य मुद्दों पर अभियुक्तों को सुने जाने का अधिकार नहीं है, लेकिन कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले की सुनवाई के दौरान अगर किसी तरह से उनके अधिकार प्रभावित होते हैं या प्रभावित होने की आशंका होती है तो उन्हें सुनवाई का अधिकार मिलेगा।
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बता दें कि इस मामले ने जब तूल पकड़ लिया था। जब पुलिस ने गैंगरेप के बाद युवती के शव को उसके परिवार की सहमति के बिना ही अंतिम संस्कार कर दिया था। जिसके बाद इस मामले में स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े हुए थे। जिसके बाद यूपी सरकार ने इस पूरे मामले को एसआईटी को सौप दिया था। वहीं बाद में योगी सरकार ने इस केस की सीबीआई से भी निगरानी कराने की मांग की थी।