संयुक्त राष्ट्र। सात पश्चिमी देशों ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में उत्तर कोरिया पर सीधे आरोप लगाया है कि वह कोरोना महामारी की आड़ में नागरिक अधिकारों का हनन कर रहा है। मौजूदा शासक जनता पर तरह-तरह की बंदिशें लगा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों के हनन के मामले में विचार-विमर्श होने के बाद वर्चुअली इस बयान को पढ़ा गया।
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जर्मनी ने सुरक्षा परिषद में इस मामले पर खुली चर्चा करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन उत्तर कोरिया के पड़ोसी देश चीन और रूस ने इसका विरोध किया। कहा गया कि सुरक्षा परिषद में खुली वार्ता के लिए जर्मनी जरूरी नौ वोट नहीं जुटा सका। जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित सात देशों ने कहा कि उत्तर कोरिया सेना और परमाणु शक्ति को अपनी जनता पर थोप रहा है।
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जनता की जो मूलभूत आवश्यकताएं हैं, उनको दरकिनार कर परमाणु हथियार कार्यक्रम को बढ़ावा दे रहा है। इससे कोरोना महामारी में जनता पर बुरी तरह असर पड़ रहा है। उसने अपनी सभी सीमाओं को बंद कर यह झूठा प्रचार करना शुरू कर दिया है कि उसके यहां जीरो वायरस की स्थिति है।