उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राजनैतिक द्वेषवश पार्टी में अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद एवं प्रवक्ता डॉ अनूप पटेल को फर्जी मुकदमें में फंसाकर जेल भेजने का आरोप लगाया है।
श्री लल्लू ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग प्रदेश में बढ़ते दलित-पिछड़ों के उत्पीड़न, हत्याएं, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार के खिलाफ 26 नवम्बर संविधान दिवस पर पूरे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन का आयोजन करेगी और हस्ताक्षर अभियान चलायेगी जबकि चार दिसम्बर को लखनऊ में विशाल दलित महापंचायत का आयोजन कर योगी सरकार के दलित-पिछड़ा विरोधी कार्यों के खिलाफ आर-पार के संघर्ष का बिगुल फूंककर व्यापक आन्दोलन करेगी।
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उन्होने कहा कि योगी सरकार ने जिस तरीके से असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक तरीके से कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमें दर्ज कर जेल भेजने और उत्पीड़नात्मक कार्यवाही कर रही है। लगातार दलितों और पिछड़ों पर अन्याय, अत्याचार, शोषण और दमन करने पर उतारू है और उनके मौलिक अधिकारों की अनिवार्यता को खत्म करने पर अमादा है।
श्री लल्लू ने कहा कि मुख्यमंत्री बतायें कि जिस केस में न वादी हो, न साक्ष्य हो तो आप किस आधार पर आलोक प्रसाद को जेल की सलाखों में बंद किये हैं। पुलिस ने आलोक प्रसाद को उनके घर से गिरफ्तार किया गया जबकि जिसने आत्मदाह किया उसने कोई मुकदमा नहीं लिखाया।
जिसने आत्मदाह किया उसका मजिस्ट्रेटी बयान क्यों लिया गया। सच्चाई तो यह है कि गोरक्षनाथ पीठ की महाराजगंज में स्थित सैंकड़ों बीघे अवैध जमीनों को समय-समय पर दलितों को दिलाने के लिए आलोक प्रसाद आन्दोलनरत थे जिसके कारण श्री योगी ने राजनैतिक द्वेष के चलते फर्जी मुकदमा दर्ज करवाकर जेल भेज दिया।