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आज से इंडिया गेट पर नहीं जलेगी अमर जवान ज्योति, राहुल गांधी बोले- दुख की बात

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अमर जवान ज्योति को अब इंडिया गेट की वजह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलाने का फैसला किया है।

भारत ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर अब इस अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने का फैसला किया गया है। अब केंद्र के इस फैसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सवाल उठाते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते, कोई बात नहीं। हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!

1972 में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का निर्माण हुआ था। इसका निर्माण 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में किया गया था। इस युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने का फैसला किया गया है।

इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के रूप में जलने वाली आग की लौ का गणतंत्र दिवस से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलने वाली लौ में विलय कर दिया जाएगा।

अमर जवान ज्योति स्मारक के ऊपर एक उल्टी बंदूक और सैनिक का हेलमेट बना हुआ है जिसके बगल में एक शाश्वत ज्योति (कभी नहीं बुझने वाली आग की लौ) जल रही है। 2019 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, तो यह निर्णय लिया गया था कि अमर जवान ज्योति की मूल लौ यहीं जलाई जाएगी।

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राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण से पहले गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र प्रमुख, सेना प्रमुख और अतिथि प्रतिनिधि अमर जवान ज्योति पर ही शहीद सैनिकों का सम्मान करते थे लेकिन बाद में इस पूरी प्रकिया को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में स्थानांतरित कर दिया गया। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर एक नई अमर जवान ज्योति लौ जलाई गई है। अब सभी मौकों पर यहीं शहीदों के लिए श्रद्धांजलि और पुष्पांजलि समारोह आयोजित किए जाते हैं।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन सैनिकों और गुमनाम नायकों की याद में बनाया गया था जिन्होंने आजादी के बाद से देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। नया स्मारक इंडिया गेट परिसर में 40 एकड़ में फैला है, जिसकी दीवारों पर शहीद हुए सैनिकों के नाम हैं।

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