गोरखपुर। कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) जेल से बाहर आ गए हैं। उनकी पत्नी मधमुणि त्रिपाठी को भी रिहा कर दिया गया है। शाम छह बजे तक सारी औपचारिकताएं पूरी कराकर डीएम कार्यालय से जेल प्रशासन के पास रिहाई का आदेश पहुंचा। जेलर, डिप्टी जेलर शाम 6.58 बजे आदेश की कॉपी लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज लेकर रवाना हो गए। शाम 7.20 बजे उनकी रिहाई हो गई।
अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) की रिहाई के लिए डीएम दफ्तर में प्रपत्रों की जांच की गई। पांच बॉन्ड भरे गए। सभी 25 लाख रुपये मुचलके के हैं। इनमें अमनमणि त्रिपाठी, छोटी बहन अलंकृता त्रिपाठी, चचेरा भाई अनंत मणि त्रिपाठी, कृष्ण चंद्र त्रिपाठी और चाचा अजीत मणि त्रिपाठी के नाम के बॉन्ड डीएम दफ्तर में जमा किए गए। आरटीओ अधिकारी डीएम दफ्तर पर ही वैरिफिकेशन करवा गया। प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिहाई का आदेश जारी हुआ।
बता दें कि कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी करार दिए जाने के बाद से अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। रिहाई की खबर आने के बाद से उनके आज पूरे दिन समर्थकों में खुशी की लहर देखने को मिली।
इस मामले में हुई थी सजा
बता दें मधुमिता की 9 मई, 2003 को पेपर मिल कॉलोनी, लखनऊ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, घटना के वक्त वह गर्भवती थीं। अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) को सितंबर, 2003 में कवयित्री की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी।
अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
देहरादून की एक अदालत ने अक्टूबर, 2007 में मधुमिता की हत्या के लिए अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद नैनीताल उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने भी दंपति की सजा को बरकरार रखा था।