अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू होने जा रहा है, जिसके लिए दो अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं। इस बीच अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा के लिए श्रीनगर में एक हाई लेवल सिक्योरिटी मीटिंग की गई। बैठक की अध्यक्षता पुलिस महानिरीक्षक कश्मीर विजय कुमार ने की और इसमें श्रीनगर, बडगाम, बांदीपोरा और गांदरबल जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। अधिकारियों ने आगामी यात्रा के लिए किए जाने वाले सुरक्षा प्रबंधों पर चर्चा की।
एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि बैठक में कुमार को एक डिटेल्ड प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तावित सुरक्षा उपायों के बारे में बताया गया। प्रेजेंटेशन में विभिन्न सुरक्षा पहलुओं जैसे प्रस्तावित तैनाती, कैंप सिक्योरिटी के लिए व्यवस्था, सड़क खोलने की व्यवस्था, क्षेत्रों में सामान्य सुरक्षा व्यवस्था, आपदा प्रबंधन की तैयारी और समय की कटौती शामिल हैं। भाग लेने वाले अधिकारियों ने सिक्योरिटी ग्रिड को मजबूत करने और अपनी यात्रा के दौरान यात्रियों के फुल-प्रूफ सुरक्षा देने की बात कही।
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प्रवक्ता ने कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए विजय कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जिला स्तर पर हर संभव व्यवस्था करें ताकि मेडिकल इमरजेंसी स्थिति को पूरा किया जा सके। प्रवक्ता ने कहा, “उन्होंने इंटेलीजेंस ग्रिड को मजबूत करने और आतंकवादियों और अन्य राष्ट्र-विरोधी तत्वों पर कड़ी निगरानी बनाए रखने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।”
अमरनाथ गुफा मंदिर 3,880 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है, जिसके लिए 56 दिन की यात्रा पहलगाम और बालटाल रास्तों से 28 जून को शुरू होगी और 22 अगस्त को खत्म होगी। बीते साल कोरोना महामारी के के चलते वार्षिक अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया था। श्री अमरनाथ जी की यात्रा को लेकर देशभर के भक्तों को साल भर इंतजार रहता है। यात्रियों के लिए इस यात्रा को सुगम बनाने के लिए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड व्यापक इंतजाम करता है। यात्रियों के रहने और खाने-पीने से लेकर उनके लिए बसों का इंतजाम करता है। वहीं, इस यात्रा की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया जाता है। इस यात्रा का असर जम्मू कश्मीर के व्यापार पर भी पड़ता है और व्यापारियों को इस यात्रा से खासी उम्मीदें रहती हैं।
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वार्षिक तीर्थयात्रा, अनंतनाग जिले में 36 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग पर और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबे छोटे रास्ते पर जून-जुलाई में शुरू होती है और अगस्त में रक्षा बंधन तक चलती है। इस साल यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने 28 जून से दोनों मार्गों–अनंतनाग जिले के पहलगाम में 46 किलोमीटर लंबे पारंपरिक मार्ग और गंदेरबल जिले के बालटाल में 12 किलोमीटर लंबे रास्ते- से एक साथ यात्रा शुरू करने का निर्णय किया है। इस साल सरकार द्वारा जारी कोविड-19 मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) के तहत यात्रा होगी. 13 साल से कम और 75 वर्ष से अधिक आयु के किसी व्यक्ति को यात्रा की अनुमति नहीं होगी।
बोर्ड ने मार्गों के अनुसार यात्रियों की दैनिक संख्या को 7,500 से बढ़ाकर 10 हजार करने का भी निर्णय लिया है। इनमें हेलीकॉप्टरों से यात्रा करने वाले यात्री शामिल नहीं होंगे। इस साल की यात्रा की खास बात बालटाल से डोमेल के बीच के 2.75 किलोमीटर लंबे हिस्से में आवाजाही के लिए बैटरी से चलने वाली कार की सेवा निशुल्क उपलब्ध कराना है। बैठक में उपराज्यपाल द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार यात्रियों और सेवा प्रदाताओं के सामूहिक दुर्घटना बीमा कवर की राशि को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपए जबकि खच्चरों का बीमा कवर 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है।