नई दिल्ली| अमेजन को अपने भारतीय साझेदार फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ रविवार को एक अंतरिम राहत मिली है। सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत ने फ्यूचर ग्रुप को अपना खुदरा कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बेचने से अंतरिम रूप से रोक दिया है। फ्यूचर समूह ने रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये का सौदा कर रखा है।
अमेजन पिछले साल फ्यूचर समूह की एक असूचीबद्ध कंपनी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने पर सहमत हुई थी। इसके साथ ही यह शर्त भी थी कि अमेजन को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा। इस बीच कर्ज में दबे किशोर बियानी के समूह ने अपने खुदरा स्टोर, थोक और लाजिस्टिक्स कारोबार को हाल में रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने का करार कर लिया। इसके विरुद्ध अमेजन ने मध्यस्थता अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
अमेजन बनाम फ्यूचर बनाम रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस मामले में एकमात्र मध्यस्थ वीके राजा ने अमेजन के पक्ष में अंतरिम फैसला सुनाया। उन्होंने फ्यूचर ग्रुप को फिलहाल सौदे को रोकने को कहा। उन्होंने कहा कि जब तक इस मामले में मध्यस्थता अदालत अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच जाती है, तब तक सौदा नहीं किया जा सकता है।
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अमेजन के एक प्रवक्ता ने भी मध्यस्थता अदालत के इस निर्णय की पुष्टि की है। उसने कहा कि मध्यस्थता अदालत ने कंपनी के द्वारा मांगी गयी राहत प्रदान की है। उसने कहा कि अमेजन मध्यस्थता प्रक्रिया के तेजी से संपन्न होने की उम्मीद करती है।
अमेजन के प्रवक्ता ने कहा, ”हम आपातकालीन मध्यस्थ के निर्णय का स्वागत करते हैं। हम इस आदेश के लिये आभारी हैं, जो सभी अपेक्षित राहत देता है। हम मध्यस्थता प्रक्रिया के त्वरित निस्तारण के लिये प्रतिबद्ध हैं। अमेजन का मानना है कि फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ समझौता कर उसके साथ करार का उल्लंघन किया है। यदि यह सौदा पूरा होता है तो रिलायंस को भारत के खुदरा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को करीब दोगुना करने में मदद मिलती।
इस बीच, आरआईएल रिटेल के हिस्से रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने कहा कि उन्हें आपातकालीन मध्यस्थ के अंतरिम आदेश की सूचना दी गई है। उन्होंने कहा, ” आरआरवीएल ने उपयुक्त कानूनी सलाह के बाद ही फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के कारोबार और संपत्ति के अधिग्रहण की प्रक्रिया की शुरुआत की है जोकि पूरी तरह भारतीय कानून के तहत है। ”