बीजिंग। चीन की विस्तारवादी नीति के चलते पूरी दुनिया चिंतित रहती है। चीन के लिए अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन मौजूदा राष्ट्रपति ट्रम्प की ही नीतियों को जारी रखेंगे। इस निर्णय से माना जा रहा है कि चीन के मामले में बाइडन सरकार ट्रंप सरकार के निर्णय को ही आगे बढ़ाएगी। सुलिवन ने कहा है कि हमें अपने सहयोगी देशों की मदद से दक्षिणी चीन सागर में अपनी ताकत और संसाधनों को और अधिक बढ़ाए जाने की जरूरत है। अखबार ने लिखा है कि चीन की सैन्य गतिविधियां इस क्षेत्र में तेज हुई हैं।
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चीन यहां विवादित क्षेत्रों में लगातार उकसाने वाली कार्रवाई कर रहा है। उनकी चीन और ताइवान के संबंध में नीतियों में कोई फर्क नहीं आने वाला है। एशिया टाइम्स के अनुसार जो बाइडन प्रशासन की टीम काम संभाल रही है। आने वाली बाइडन सरकार में बनाए गए नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने दक्षिण चीन सागर में चीन के खिलाफ फ्रीडम ऑफ नेविगेशन आपरेशंस (एफओएनओपी) चलाने का निर्देश दिया है।
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उसके निरंतर अभ्यास चल रहे हैं और इनमें वह हार्बिन जेड-9 जैसे हैलीकॉप्टरों और युद्ध पोत को मार गिराने वाली मिसाइलों का भी इस्तेमाल कर रहा है। चीन हेनान में उन्नत किस्म का पोत स्थल भी तैयार कर रहा है। यही कारण है कि अमेरिका लगातार ताइवान को मजबूती देने में लगा हुआ है। उसने ताइवान को 5 बिलियन डालर के हथियारों बेचने का सौदा भी किया है। अमेरिका चीन की विस्तारवादी नीति को नियंत्रित करने के लिए भारत, जापान, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ अपना सहयोग बढ़ा रहा है।