नई दिल्ली। रूस के गमालेया राष्ट्रीय महामारी विज्ञान और सूक्ष्मजीव अनुसंधान संस्थान द्वारा तैयार किए गए कोविड-19 के ‘स्पूतनिक-5’ नामक टीका परीक्षण में 92 प्रतिशत तक प्रभावी पाया गया है। यह पुष्टि रूस में हो रहे सबसे ज्यादा रेंडमाइज्ड प्लेसिबो नियंत्रित तीसरे चरण के ट्रायल से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर की गई। बता दें कि इससे पहले अमेरिकी कंपनी फाइजर ने भी कहा है कि उसका वैक्सीन 90 फीसदी कारगर पाया गया है।
गमालेया और रूसी प्रत्यक्ष निवेश फंड (आरडीआईएफ) की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया इस परीक्षण में 40,000 वॉलेंटियर्स ने भाग लिया। इन परीक्षणों में 16,000 से अधिक वॉलंटियर्स को टीके के प्रभाव का अध्ययन किया गया जिन्हें पहला इंजेक्शन दिए जाने के 21 दिन बाद टीका या प्लेसिबो दिया गया।
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बयान में कहा गया कि कोरोना वायरस के 20 मामलों के सांख्यिकीय विश्लेषण के नतीजे में पता चला कि दूसरी खुराक दिए जाने बाद स्पूतनिक-5 टीका 92 प्रतिशत तक प्रभावी है। सितंबर 2020 में डॉ. रेड्डडीज और आरडीआईएफ ने स्पूतनिक-5 टीके के क्लिनिकल ट्रायल और भारत में इसके वितरण के लिए समझौता किया था। समझौते के तहत आरडीआईएफ, टीके की एक हजार करोड़ खुराक डॉ. रेड्डीज को उपलब्ध कराएगा।
बता दें कि पिछले दिनों अग्रणी दवा कंपनी फाइजर ने कहा कि उसके टीका के विश्लेषण से पता चला है कि यह कोविड-19 को रोकने में 90 प्रतिशत तक कारगर हो सकता है। इससे संकेत मिलता है टीके को लेकर कंपनी का परीक्षण सही चल रहा है। वह अमेरिकी नियामक के पास इस संबंध में एक आवेदन दाखिल कर सकती है।