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कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर छिड़ी बहस के बीच अहमद पटेल ने राहुल से की अपील- अपने हाथों में लें सत्ता

ahemed patel- rahul gandhi

अहमद पटेल ने राहुल से की अपील

Live: कांग्रेस में कलह के बीच बोले अहमद पटेल, पार्टी की कमान अपने हाथों में लें राहुल

नई दिल्ली। कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर छिड़ी बहस के बीच सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की आभासी बैठक जारी है। बैठक के दौरान राहुल गांधी ने नेतृत्व को लेकर 23 नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को भेजी गई चिट्ठी को भाजपा के साथ मिलीभगत करार दिया। इसे लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने विरोध जताया।

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हालांकि बाद में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सफाई दी और कहा कि राहुल ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। वहीं कुछ देर बाद सिब्बल ने कहा कि मैं अपना ट्वीट वापस ले रहा हूं क्योंकि राहुल गांधी ने मुझे व्यक्तिगत तौर पर सारी बात बताई है।

राहुल गांधी से बातचीत के बाद कपिल सिब्बल ने कहा, ‘राहुल गांधी ने मुझे व्यक्तिगत रूप से सूचित किया कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा है इसलिए मैं अपना ट्वीट वापस लेता हूं।’

राहुल गांधी ने नेतृत्व में बदलाव को लेकर पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए इसे भाजपा के साथ मिलीभगत करार दिया। जिसपर सिब्बल और आजाद जैसे वरिष्ठ नेताओं ने विरोध जताया। अब इसपर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सफाई दी है। उन्होंने कहा, ‘श्री राहुल गांधी की बात का वो मतलब नहीं था और न ही उन्होंने ऐसा कहा। कृपया झूठी मीडिया बातचीत या गलत सूचना के प्रसार से भ्रमित न हों। लेकिन हां, हम सभी को एक साथ मिलकर मोदी सरकार के खिलाफ लड़ना है न कि एक-दूसरे को चोट पहुंचाने या कांग्रेस के खिलाफ।’

https://twitter.com/ANI/status/1297788444110774277?s=20

पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि यदि राहुल गांधी का भाजपा के साथ मिलीभगत वाला बयान साबित हो जाता है तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

सूत्रों के अनुसार, बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा (पार्टी नेतृत्व में सुधारों के लिए सोनिया गांधी को पत्र) भाजपा के साथ मिलीभगत की वजह से किया गया। इसपर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने जवाब देते हुए कहा, ‘राहुल गांधी का कहना है कि हम भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा। भाजपा सरकार को गिराने के लिए मणिपुर में पार्टी का बचाव किया। पिछले 30 सालों में कभी भी किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी हम भाजपा से मिले हो सकते हैं।’

कांग्रेस में जारी अंतर्कलह को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘जब सिंधिया जी ने आवाज उठाई, तो उन पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया गया। अब जब गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे नेता पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष की मांग कर रहे हैं, तो उन पर भी भाजपा के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसी पार्टी को कोई नहीं बचा सकता।’

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