लखनऊ। लोकायुक्त संगठन ने चहेती कंपनियों एवं फर्मों को काम देने वाले लोकसेवकों के खिलाफ मिली शिकायत की जांच शुरू कर दी है। उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड में फायर फायटिंग कार्य की निविदा प्रकाशित करके अनुचित लाभ लेने के लोकसेवकों पर लगे आरोपों की लोकायुक्त संगठन ने प्रारंभिक जांच की थी। इसमें गड़बड़ियां अंजाम देने के प्रथमदृष्टया साक्ष्य मिलने के बाद लोकायुक्त संगठन ने जांच शुरू की है।
लोकायुक्त संगठन के सचिव अनिल कुमार सिंह ने बताया कि लखनऊ निवासी महेश चंद्र श्रीवास्तव ने दो वर्ष पूर्व लोकायुक्त संगठन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद (Amit Mohan Prasad) , विशेष सचिव प्रांजल यादव, संयुक्त सचिव प्राणेश चंद्र शुक्ला, अपर निदेशक विद्युत महानिदेशालय डीके सिंह और चिकित्सा विभाग के अनुभाग अधिकारी चंदन कुमार रावत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
महेश चंद्र श्रीवास्तव ने आरोप लगाया था कि उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण के लिए चयनित किया गया है। इसमें अग्निशमन व्यवस्था का कार्य भी शामिल है। विभाग में कई वर्षों से मुख्य अभियंता, विद्युत का पद रिक्त होने के बावजूद संबंधित विभाग विद्युत कार्यों के लिए निविदा प्रकाशित कर रहा है।
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आरोपी लोकसेवक अनुचित लाभ प्राप्त करके अपनी चहेती कंपनी एवं फर्म को कार्य आवंटित कर रहे है। फायर फाइटिंग के कार्य में दक्ष न होने के बावजूद नियम विरुद्ध तरीके से कार्य दिया जा रहा है।