नई दिल्ली। महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने बीते दिनों व्यंगात्मक लहजे में महाराष्ट्र की सीएम उद्धव ठाकरे को एक खत लिखा था। उस पत्र को लेकर प्रदेश की सियासत में उबाल भी आया था। इस पत्र के बारे में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ऐसे शब्दों से बचा जा सकता था। उन्होंने कहा कि कोश्यारी अपने शब्दों का सही प्रकार से चयन कर सकते थे।
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बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम ठाकरे पर अपने पत्र में सवाल खड़े करते हुए लिखा था ‘कि क्या वह सेक्युलर हो गये हैं’। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीएनएन न्यूज 18 चैनल को दिए इंटरव्यू में इस पत्र को लेकर कहा कि कोश्यारी अपने शब्दों का सही प्रकार से इस्तेमाल कर सकते थे और इस तरह के शब्दों का चयन करने से बच सकते थे।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि शाह देश के गृह मंत्री हैं और जिम्मेदारी तथा सावधानी से बोलते हैं
शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस बयान का स्वागत किया है। राउत ने एक टीवी चैनल से बातचीत में यह भी कहा कि शाह के बयान के बाद शिवसेना ने इस मुद्दे को छोड़ दिया है। बता दें कि शाह ने शनिवार को एक समाचार चैनल से कहा कि कोश्यारी बेहतर शब्द चुन सकते थे। इस पर राउत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शाह देश के गृह मंत्री हैं और जिम्मेदारी तथा सावधानी से बोलते हैं।
जानें कोश्यारी ने क्या लिखा था पत्र में
कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था। पत्र में लिखा गया था कि कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र में मंदिरों को फिर से खोलने को लेकर राज्यपाल कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ‘हिंदुत्व का मजबूत समर्थक’ बताते हुए एक व्यंगात्मक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होने लिखा था कि ये जानकर बेहद हैरानी हो रही है कि क्या मुख्यमंत्री को ‘पूजा के स्थानों के फिर से खोले जाने के कदम को स्थगित करने के लिए कोई दैवीय आदेश मिल रहा है’, या फिर वह स्वयं को ‘धर्मनिरपेक्ष’ बना चके हैं। एक शब्द जिससे वह(ठाकरे) नफरत किया करते थे।
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सीएम उद्धव ठाकरे ने दिया था जवाब
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कोश्यारी के इन शब्दों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए ठाकरे ने एक दिन बाद कोश्यारी को जवाब दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें किसी से भी हिंदुत्व का पाठ सीखने की आवश्यकता नहीं है।